Apple यूजर्स के लिए खतरे की घंटी, सरकारी एजेंसी ने जारी की हाई रिस्क वॉर्निंग!
20 सितंबर से एपल की मचअवेटेड iPhone 16 सीरीज की डिलीवरी भारत में शुरू हुई है। लोगों में नए आईफोन का क्रेज देखते ही बन रहा है। दूसरी तरफ भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने एपल यूजर्स के लिए सख्त चेतावनी जारी की है। सरकारी एजेंसी के अनुसार एपल के कई डिवाइस की सिक्योरिटी खतरे में है।
एपल यूजर्स रहें सतर्क
CERT-In ने एपल के कई प्रोडक्ट में हाई-रिस्क खामियों के बारे में पता लगाया है। ये खामियां iOS, iPadOS, macOS, watchOS और visionOS सहित Apple सॉफ्टवेयर के कई संस्करणों को प्रभावित करती हैं। एडवाइजरी में उन डिवाइस की लिस्ट भी बताई गई है, जिनके लिए ये खामियां खतरा पैदा कर सकती हैं।
iOS: 18 और 17.7 से पहले के वर्जन
iPadOS: 18 और 17.7 से पहले के वर्जन
macOS Sonoma: 14.7 से पहले के वर्जन
macOS Ventura: 13.7 से पहले के वर्जन
macOS Sequoia: 15 से पहले के वर्जन
tvOS: 18 से पहले के वर्जन
watchOS: 11 से पहले के वर्जन
Safari: 18 से पहले के वर्जन
Xcode: 16 से पहले के वर्जन
visionOS: 2 से पहले के वर्जन
क्या हो सकता है जोखिम
यह खामियां कई मामलों में यूजर्स की सिक्योरिटी के लिए खतरे की घंटी बजा सकती हैं। यह अटैकर्स को डिवाइस का कंट्रोल लेने तक की परमिशन देती हैं। इसके जरिये संवेदनशील जानकारी का एक्सेस लिया जा सकता है। डिवाइस पर मनचाहा कोड एग्जिक्यूट किया जा सकता है, जो सिक्योरिटी के लिहाज से काफी रिस्की है।
डेनियन ऑफ सर्विस यानी DOS की स्थिति पैदा हो सकती है। स्पूफिंग अटैक और क्रॉस-साइट स्क्रिप्टिंग (XSS) अटैक भी आपके डिवाइस पर किए जा सकते हैं।
CERT-In की यूजर्स को सलाह
सरकारी एजेंसी ने यूजर्स को अपनी सिक्योरिटी को सेफ रखने के लिए कुछ सलाह भी दी है। एजेंसी ने कहा कि यूजर्स को एपल के लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। एपल जब भी नया अपडेट जारी करे तो उसे ही यूज करें। डिवाइस को सेफ रखने के लिए जरूरी है कि आप कहीं भी क्लिक न करें और जहां संभव हो वहां अपनी निजी जानकारी न दें।