रिश्तेदारों के सामने करते हैं बच्चों पर रौब झाड़ने की गलती, तो संभल जाएं
बच्चों की परवरिश एक ऐसा सफर है, जिसमें माता-पिता को कई तरह की चुनौतियों (Parenting Challenges) का सामना करना पड़ता है। बच्चों को बड़ा करने में धैर्य, समझदारी और प्यार की अहम भूमिका होती है। लेकिन कई बार, माता-पिता गुस्से में आकर बच्चों को डांट देते हैं, खासकर रिश्तेदारों के सामने। आइए समझते हैं कि बच्चों को सार्वजनिक रूप से डांटने के क्या नुकसान (Effects Of Scolding Children) हो सकते हैं और इसके बजाय आप क्या कर सकते हैं।
जिद्दी हो सकता है बच्चा
बच्चों का मन एक कोमल मिट्टी की तरह होता है, जिस पर आप जो भी उकेरेंगे वह उसी तरह ढल जाएगा। बच्चे आसानी से किसी भी बात को दिल पर ले लेते हैं। जब माता-पिता अपने बच्चों को सार्वजनिक रूप से डांटते हैं, तो इसका बच्चों के मन पर गहरा असर पड़ता है। बच्चों को सार्वजनिक रूप से डांटने से वे गुस्सैल और जिद्दी बन सकते हैं। ऐसे में, उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है और वे अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
सेहत पर भी पड़ता है असर
बच्चों को सार्वजनिक रूप से डांटने के नकारात्मक प्रभाव सिर्फ उनके मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। माता-पिता का गुस्सा और डांट बच्चों को शारीरिक रूप से कमजोर बना सकता है। जब बच्चे लगातार तनाव में रहते हैं, तो उनकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे वे आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। जाहिर है बार-बार बीमार पड़ने से बच्चे का शारीरिक विकास भी धीमा हो जाता है।
चौपट हो सकती है पढ़ाई-लिखाई
कई बार हम यह समझ नहीं पाते कि हमारा छोटा सा बच्चा भी तनाव महसूस कर रहा है। तनाव के कई कारण हो सकते हैं, जैसे स्कूल में हो रही समस्याएं, दोस्तों के साथ झगड़े, या फिर घर में तनावपूर्ण माहौल। ऐसे में, आपका उन्हें दूसरों के सामने डांटना आग में घी डालने का काम करता है। इससे बच्चे अक्सर चिड़चिड़े, गुस्सैल या उदास रहते हैं। वे पढ़ाई-लिखाई पर फोकस करने में मुश्किल महसूस करते हैं और नींद की समस्याओं से जूझ सकते हैं।
हाथ से निकल जाएगी बात
बच्चों को सार्वजनिक रूप से डांटना उनके व्यवहार पर बुरा प्रभाव डालता है। इससे वे अनुशासनहीन बन सकते हैं और बड़ों की इज्जत करना भूल जाते हैं। इससे उनके और आपके बीच की दूरी बढ़ सकती है। इसके अलावा भीड़भाड़ वाली जगहों पर डांटे जाने से बच्चों में शर्मिंदगी और अपमान की भावना पैदा होती है, जो उनकी सोशल स्किल्स पर भी असर डालती हैं, ऐसे में आपका बच्चा दूसरों से अलग-थलग पड़ सकता है।