कालाष्टमी पर करें राशि अनुसार अभिषेक, खुल जाएंगे किस्मत के बंद दरवाजे

 सनातन धर्म में कालाष्टमी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप काल भैरव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन काल भैरव देव की कठिन भक्ति करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से काल भैरव देव प्रसन्न होते हैं और साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कालाष्टमी का पर्व तंत्र विद्या सीखने वाले लोगों के लिए खास माना जाता है। यदि आप भी काल भैरव देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन पूजा के दौरान राशि अनुसार भगवान शिव का अभिषेक करें। इससे साधक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और किस्मत चमक सकती है।

मासिक कालाष्टमी 2024 और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर को दोपहर में 12 बजकर 38 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 25 सितंबर को दोपहर में 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में 25 सितंबर को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।

राशि अनुसार अभिषेक

कालाष्टमी पर मेष राशि के जातक गंगाजल में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर वृषभ राशि के जातक गंगाजल में दूध मिलाकर महादेव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर मिथुन राशि के जातक कच्चे दूध में दूर्वा मिलाकर शिव जी का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर कर्क राशि के जातक शुद्ध दही से महादेव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर सिंह राशि के जातक गंगाजल में लाल पुष्प मिलाकर भगवान शंकर का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर कन्या राशि के जातक गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर तुला राशि के जातक पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर वृश्चिक राशि के जातक गंगाजल में रोली मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर धनु राशि के जातक दूध में केसर मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर मकर राशि के जातक गंगाजल में साबुत मूंग मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर कुंभ राशि के जातक गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

कालाष्टमी पर मीन राशि के जातक गंगाजल में भांग के पत्ते मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

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