एक जैसे होकर भी बहुत अलग हैं मोमोज, डिमसम और डंपलिंग्स
जब भी कुछ चटपटा और स्वादिष्ट खाने का मन करता है, तो लोगों के मन में सबसे पहले मोमोज का ही नाम आता है। पिछले कुछ समय से डिश पूरे देश में मशहूर हो चुकी है। शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे मोमोज का स्वाद पसंद नहीं है। बच्चे से लेकर बड़े तक इसके स्वाद के दीवाने हैं। हालांकि, मोमोज का नाम, तो हम अक्सर सुनते ही रहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी डिमसम और डंपलिंग्स का नाम सुना है। यह दोनों ही काफी हद तक मोमोज की ही तरह लगते हैं।
हालांकि, इन्हें बनाने का तरीका, इनका ओरिजिन और अन्य चीजें काफी अलग है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे एक जैसे होकर भी कैसे एक-दूसरे से अलग हैं momos and dimsums and dumplings-
मोमोज
ओरिजिनः मोमोज की शुरुआत हिमालय रीजन, खासकर नेपाल और तिब्बत से हुई थी। वे भारत के कुछ हिस्सों, विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में भी लोकप्रिय हो गए हैं।
बनाने की सामग्रीः इन्हें आमतौर पर आटे और पानी के साधारण आटे से बनाया जाता है।
वहीं, स्टफिंग के लिए कीमा किया हुआ मांस (जैसे चिकन, बीफ या पोर्क) और विभिन्न सब्जियां (जैसे गोभी, गाजर और मशरूम) आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें अक्सर लहसुन, अदरक और मसालों के साथ पकाया जाता है।
बनाने का तरीकाः मोमोज को मुख्य रूप से भाप में पकाया जाता है, जो उन्हें नरम और चबाने योग्य बनाते हैं। वहीं, कुरकुरा बनाने के लिए इन्हें पैन-फ्राइड या डीप-फ्राइड भी किया जा सकता है।
सर्व करने का तरीकाः बांस के स्टीमर में या प्लेट्स पर डिपिंग सॉस के साथ इन्हें परोसा जाता है। आम डिप्स में तौर पर मसालेदार मिर्च सॉस या टमाटर की चटनी इस्तेमाल की जाती है।
सांस्कृतिक महत्व: मोमोज आमतौर पर स्ट्रीट फूड के तौर ज्यादा प्रचलित हैं।
डिमसम
ओरिजिनः डिम सम की जड़ें कैंटोनीज व्यंजनों में हैं। इसे मुख्य रूप से चीन के गुआंग्डोंग प्रांत से जोड़ा जाता है।
बनाने की सामग्री: ग्राउंड पोर्क, झींगा, चिकन और विभिन्न सब्जियों सहित अलग-अलग तरह की स्टफिंग के साथ इसे तैयार किया जाता है। इसके अलावा कई बार चावल या नूडल्स का भी इस्तेमाल किया जाता है।
बनाने का तरीका: डिम सम को भाप में पकाया, फ्राई या बेक किया जा सकता है। इसे भाप में पकाना आम बात है, लेकिन इसे भी कुरकुरा बनाने के लिए फ्राई किया जा सकता है।
सर्व करने का तरीकाः डिमसम को छोटे भागों में अक्सर बांस के स्टीमर में या छोटी प्लेट्स पर सर्व किया जाता है और चाय के साथ इसका आनंद लिया जाता है।
सांस्कृतिक महत्व: डिम सम कम्युनल डाइनिंग का हिस्सा है यानी कि इसका आनंद आमतौर पर ब्रंच या दोपहर के भोजन के दौरान लिया जाता है।
डंपलिंग्स
ओरिजिनः डंपलिंग्स का एक व्यापक इतिहास है और यह कई संस्कृतियों में पाया जा सकता है, जिनमें चीनी, पूर्वी यूरोपीय (जैसे पियोगी) और यहां तक कि लैटिन अमेरिकी (जैसे एम्पानाडस) भी शामिल हैं।
बनाने की सामग्री: इसे भी आमतौर पर मोमोज के समान आटे और पानी से बनाया जाता है। हालांकि, स्टफिंग के लिए कुछ संस्कृतियों में अलग-अलग हो सकती हैं, जिसके लिए मांस, सी-फूड, सब्जियों और यहां तक कि मिठाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बनाने का तरीका: डंपलिंग्स को उबाला जा सकता है, भाप में पकाया जा सकता है, तला जा सकता है या बेक किया जा सकता है। इसे पकाने के अलग-अलग तरीकों से इसकी
बनावट और स्वाद भी अलग-अलग होते हैं।
सर्व करने का तरीकाः इसे आमतौर पर सॉस या हड्डियों के सूप (ब्रोथ) के साथ परोसा जाता है। यह खाने का हिस्सा हो सकते हैं या नाश्ते के रूप में परोसे जा सकते हैं।
सांस्कृतिक महत्व: डंपलिंग्स कई परंपराओं में सौभाग्य, पारिवारिक एकता और उत्सव का प्रतीक मानी जाती है। इन्हें आम तौर पर त्योहारों और फैमिली फंक्शन के दौरान बनाया जाता है।