गुणों का भंडार है पोषक तत्वों से भरपूर मखाना, रोजाना खाने से कई समस्याएं होंगी छूमंतर…
मखाना के पौधे कांटेदार और कमल के समान होते हैं। इसके पत्ते कमल के समान, गोलाकार होते हैं, जो ऊपर से हरे, लेकिन नीचे से लाल या बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार, कांटेदार और मुलायम (स्पंज वाले) होते हैं। इसके बीज मटर की तरह, या इससे कुछ बड़े होते हैं। फल संख्या में 8-20 तथा हल्के काले रंग के होते हैं। इसे कच्चा या भूनकर खाते हैं। बालू में भूनने से यह फूल जाते हैं, जिन्हें मखाना कहा जाता है। मखाना पौष्टिकता से भरपूर होता है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, आयरन, जिंक आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
मखाने को भून कर या फिर चूर्ण बनाकर भी प्रयोग में लाया जा सकता है। मखानों की तासीर ठंडी होती है, लेकिन इसका सेवन किसी भी मौसम में किया जा सकता है। मखाना पचाने में बेहद होता है। साथ ही ये कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में मखाना के बहुत सारे गुणों का जिक्र मिलता है। जानते हैं इसके कुछ फायदे-
गठिया के दर्द में भी लाभकारी
गठिया के कारण शरीर के जोड़ों, जैसे- पैर और हाथ आदि अंगों में बहुत दर्द होता है। इसमें मखाना के इस्तेमाल से आप लाभ पा सकते हैं। इसके लिए मखाना के पेड़ के पत्तों को पीसकर दर्द वाले जगह पर लगाएं। इससे आराम मिलता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे
हाई ब्लड प्रेशर में मखाना काफी गुणकारी होता है, क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा कम और पोटैशियम की मात्रा ज्यादा पाई जाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है।
वजन कम करने सहायक
मखाना में मौजूद एथेनॉल शरीर में फैट सेल्स को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।
प्रोटीन का बढ़िया सोर्स मखाना
100 ग्राम मखाने में लगभग 10.71 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसके नियमित उपयोग से शरीर में प्रोटीन की जरूरी मात्रा की आपूर्ति के साथ ही उसकी कमी से होने वाली कई समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।
एंटी-एजिंग फैक्टर
त्वचा से संबंधित समस्याओं में मखाने के उपयोग पर किए गए एक शोध में पता चला है कि मखाना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह गुण त्वचा पर आने वाले एजिंग के प्रभाव जैसे झुर्रियों को दूर करने में मददगार साबित होता है।
मसूड़ों के लिए लाभकारी
मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। मखाने में पाए जाने वाले ये दोनों गुण मसूड़े संबंधित सूजन और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण होने वाली दांतों की सड़न को रोकने में मददगार साबित होते हैं।