पंजाब में महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए खास खबर

स्वास्थ्य विभाग ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती माताओं को एनर्जी ड्रिंक न लेने की हिदायत दी है। विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एनर्जी ड्रिंक से शारीरिक नुकसान के मद्देनजर बच्चों और गर्भवती माताओं पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है। सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बारे में आम जनता को जागरूक करने के आदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को रोकने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विभिन्न खाद्य व्यवसाय संचालकों से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिये जा रहे हैं। उन्होंने मिलावटखोरों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपनी हरकतों से बाज आएं, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल अधिकारियों से भी विशेष अनुरोध किया गया है कि वे स्कूलों में बच्चों को इन एनर्जी ड्रिंक्स से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें। इस संबंध में फूड बिजनेस ऑपरेटरों के जागरूक कैंप लगाए जा चुके हैं।  

उधर, सहायक फूड कमिश्नर राजिंदर पाल सिंह ने कहा कि त्योहारों के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा टीमों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है और विभिन्न दुकानों से नमूने भी भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न डेयरियों व दुकानों की जांच की गयी तथा दुकानदारों से साफ-सुथरी व अच्छी सामग्री से बनी वस्तुएं बेचने के संबंध में अपील की गयी है।

उन्होंने कहा कि सभी फूड बिनेजस ऑपरेटरों को लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन लेने संबंधी कहा गया है और इसके साथ ही उन्हें सख्त निर्देश दिया गया है कि वे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती माताओं को एनर्जी ड्रिंक न बेचें और स्थानीय लोगों को जागरूक करें। उन्होंने अपील की कि किसी भी सामान को खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी पर दी गई चेतावनी को ध्यान से पढ़ना चाहिए ताकि एक निश्चित उम्र में खाने-पीने की चीजों से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और 18 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को एनर्जी ड्रिंक पीने से होने वाले नुकसान के संबंध में डिप्टी कमिश्नर अमृतसर ने समय-समय पर होने वाली सेफ फूड एंड हेल्दी डायट संबंधी जिला स्तर पर मीटिंग में भी उस मुद्दे पर सभी को जागरूक किया जा चुका है।

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