दिल्ली: विधायक दल की बैठक में चुना जाएगा नया नेता, भंग नहीं होगी विधानसभा

तिहाड़ जेल से दो दिन पहले जमानत पर बाहर निकले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलान किया है कि वह दो दिन में इस्तीफा देंगे। वह दिल्ली विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं करेंगे। इसकी जगह मंगलवार आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की बैठक में नए नेता का चुनाव होगा। इसके बाद दिल्ली में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि पार्टी में नंबर-दो व पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस पद की रेस से बाहर हैं। दोनों नेता चुनाव जीतने के बाद ही संवैधानिक पद पर बैठेंगे।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने रविवार पार्टी दफ्तर में आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुनाती कि वह ईमानदार हैं, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। केजरीवाल ने यह भी साफ किया कि मनीष सिसोदिया का भी यही फैसला है। वह भी उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे जब जनता चुनाव में जिताकर उनको ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे देगी। जल्द ही विधायक दल बैठक में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि नवंबर में महाराष्ट्र के साथ दिल्ली विधानसभा का भी चुनाव कराया जाए।
अब जनता तय करे, केजरीवाल ईमानदार या गुनहगार?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों ने उनके और मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाए हैं। इस देश का सबसे कठोर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तरह-तरह के आरोप लगाए। अमूमन इसमें जमानत नहीं मिल पाती। इसके बाद भी कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने इसमें जितना कर दिया, इससे ज्यादा वह कुछ और नहीं कर सकता था। वकील बताते हैं कि यह केस कम से कम 10 साल चलेगा।
केजरीवाल के मुताबिक, आज वह जनता की अदालत में हैं। जनता से पूछना है कि वह केजरीवाल को ईमानदार मानते हैं या गुनाहगार।
ईमानदार हूं तो वोट देना- अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने एलान किया कि दो दिन बाद वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। इसके बाद तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे। इस बीच वह गली-गली, घर-घर जाएंगे। केजरीवाल ने अपील कि कि अगर केजरीवाल ईमानदार हैं तो उनके पक्ष में वोट दे देना। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल गुनहगार हैं तो वोट मत देना। दिल्ली की जनता का एक-एक वोट ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा।
हर अग्नि परीक्षा देने के लिए तैयार
केजरीवाल के मुताबिक, सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता का खेल खेलने के लिए राजनीति नहीं करनी है। वह हर अग्नि परीक्षा देने के लिए तैयार हैं। केजरीवाल ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट की शर्तें वह देख लेंगे। पहले भी केंद्र सरकार और उपराज्यपाल ने काम रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन जिंदगी में जो ईमानदारी कमाई है, वह मायने रखता है।
उनकी एक चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंच पाई
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल में कई राजनीतिक, स्वतंत्रता आंदोलन, गीता, रामायण और महाभारत की किताबें पढ़ीं। भगत सिंह की जेल डायरी को कई बार पढ़ा। 90-95 साल पहले जेल में भगत सिंह ने लेख लिखे थे और जेल से बाहर कई क्रांतिकारी साथियों और युवाओं को खत लिखे थे और अंग्रेजों ने उन तक पहुंचाया। जबकि 15 अगस्त पर जेल से एक ही पत्र उन्होंने उपराज्यपाल को लिखा। वह यह कि जेल में होने की वजह से उनकी जगह आतिशी को झंडा फहराने की इजाजत दी जाए। लेकिन यह चिट्ठी एलजी साहब तक नहीं पहुंचाई गई। इस दौरान उन्होंने इसका पूरा ब्योरा दिया।
आप के हौसले तोड़ने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल भेजने के पीछे का इनका मकसद आप और केजरीवाल के हौसले को तोड़ना था। लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी। विधायक तो छोड़ो, एक कार्यकर्ता भी नहीं टूटा। जेल जाने के बाद इस्तीफा न देने पर केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि इसके पीछे की वजह देश के जनतंत्र को बचाने की थी। इनका फार्मूला है कि मुख्यमंत्रियों को फर्जी मामलों में जेल में डालकर सरकार गिरा दो।
इस फार्मूले का गलत साबित करते हुए यह साबित किया कि जेल से सरकार चल सकती है। अभी 10 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि जेल के अंदर से सरकार क्यों नहीं चल सकती? इस मौके पर उन्होंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी अपील कि अब अगर प्रधानमंत्री आपके उपर फर्जी केस कर आपको जेल में डालें तो इस्तीफा मत देना। जेल से सरकार चलाना।