प्रोफेसर ने स्टूडेंट्स को दिया अजीब असाइनमेंट, जमा होते ही मचा बवाल
मध्यप्रदेश के इंदौर से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. इसके बाद यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक सवालों के घेरे में हैं. दरअसल, इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के एमबीए के स्टूडेंट्स को जीतेजी अपनी फोटो के साथ शोक संदेश लिखने को कहा गया. उनको प्रोफेसर ने ये असाइनमेंट दिया था. असाइनमेंट तो जमा हो गया, लेकिन अब मामले की शिकायत मानव अधिकार आयोग से की गई है. शिक्षक से भी जवाब मांगा गया है.
प्रोफेसर बोले, एक ही छात्रा ने की थी आपत्ति
मामले में प्रोफेसर डॉ. अतुल भरत का कहना है कि करीब 110 स्टूडेंट में से एक ही छात्रा थी, जिसने असाइनमेंट पर आपत्ति की थी. कहा था कि मम्मी ने कहा है कि ये सब नहीं लिखना है. इस पर उसे न तो डांटा और न ही कुछ कहा. वो क्लास भी अटेंड कर रही है. ये क्रिएटिव थिंकिंग का हिस्सा है. कई सालों से चल रहा है. मुझसे एचओडी की तरफ से जवाब मांगा गया था. मैंने उन्हें जवाब दे दिया है.
असाइनमेंट पढ़ाई का तरीका
प्रोफेसर ने कहा, असाइनमेंट पढ़ाई का तरीका है. किसी भी इंटरव्यू में सबसे पहले पूछा जाता है कि लक्ष्य क्या है. शोक संदेश लिखवाने के पीछे उद्देश्य भी यही है कि विद्यार्थी जाने कि दुनिया उन्हें किस तरह याद करे. स्टूडेंट को पता होना चाहिए कि उनका अस्तित्व क्या रहेगा. जब पता ही नहीं होगा कि अस्तित्व क्या रहेगा, तो लाइफ पाथ कैसे डिसाइड होगा. स्टूडेंट्स को इस असाइनमेंट से बहुत सारी लर्निंग मिली है.
प्रोफेसर डॉ. अतुल भरत पर कार्रवाई की मांग
पूर्व कार्य परिषद सदस्य आलोक डावर ने डॉ. अतुल के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है. उनका कहना है कि किसी स्टूडेंट से उसकी मौत का संदेश लिखवाया जाएगा तो उसके माता-पिता पर क्या बीतेगी. वहीं, स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एचओडी प्रो. कन्हैया आहूजा कह चुके हैं कि संबंधित प्रोफेसर से जवाब मांगा है. इसके बाद कार्रवाई का फैसला होगा.
लेटर में ये लिखाया गया
”यह विश्वास करना कठिन है कि अब आप हमारे साथ नहीं हैं. वह एक खुशमिजाज व्यक्ति थे, जो हमेशा समाज को यथा संभव फायदा पहुंचाने की कोशिश करते थे. वह एक सफल व्यवसायी और अरबपति थे, जिन्होंने कई युवाओं को रोजगार पाने में मदद की. उसके लिए सफलता का मतलब अरब पति बनना नहीं है, बल्कि यह है कि उनके प्रयासों (उनका व्यवसाय) के कारण कितने परिवार अच्छा जीवन जी रहे हैं. वह “अपनी रसोई” और “ला राशन” के मालिक और सीईओ थे. उन्होंने हर गांव में इस छोटे उद्यम को फैलाया, ताकि गांव की अनपढ़ महिलाएं और पुरुष भी इसमें शामिल हो सकें. आत्मनिर्भर बनें. उन्होंने बैक वर्ड क्षेत्र में मुफ्त चिकित्सा देखभाल और मुफ्त शिक्षा प्रदान की. उन्होंने विद्यार्थियों को अनेक छात्रवृत्ति प्रदान की. हमें और पूरे भारत को उन पर गर्व है.”
ये था पूरा मामला
बता दें, प्रोफेसर डॉ. भरत स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अलावा आईआईपीएस में भी पढ़ाते हैं. एक्रोपोलिस कॉलेज में करियर एडवांस सेल के ग्रुप डायरेक्टर हैं और प्रबंधन सिद्धांत पढ़ाते हैं. उन्होंने स्टूडेंट्स से अपनी-अपनी फोटो के साथ मौत के बाद दिया जाना वाला शोक और श्रद्धांजलि संदेश लिखकर लाने के लिए कहा था. नंबर कटने के डर से स्टूडेंट्स ने तय फॉर्मेट में असाइनमेंट जमा भी कर दिया. शोक संदेश का असाइनमेंट जमा करने के बाद विवाद खड़ा हो गया. प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग की गई है. अब प्रोफेसर इस असाइनमेंट को क्रिएटिव थिंकिंग का हिस्सा बता रहे हैं.