बरेली: 72 घंटे में 226 मिमी बारिश से सराबोर हुआ शहर, अगले तीन दिन ऐसा रहेगा मौसम

बरेली में करीब 72 घंटे तक हुई बारिश ने करीब 14 वर्ष बाद दो सप्ताह में ही औसत का आंकड़ा पार कर लिया। इस दौरान 226 मिमी बारिश हुई, जिससे शहर सराबोर हो गया। हालांकि, अगले तीन दिन बारिश से हल्की राहत के आसार जताए गए हैं। शनिवार को धूप निकलने से उमस हावी होने का अनुमान है। 

बुधवार शाम से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी रही। लगातार बारिश से सड़कें, मैदान, खेत सब लबालब हो गए। शुक्रवार को भी धूप के दर्शन नहीं हुए। हल्की और तेज बारिश जारी रही। शाम साढ़े पांच बजे तक 59 मिमी बारिश दर्ज हुई। वहीं, रात में भी रिमझिम होती रही। शहर में लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। बारिश के चलते कई इलाकों में तीसरे दिन भी बिजली संकट बना रहा।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सितंबर में औसत बारिश 214 मिमी होती है, लेकिन इस वर्ष दो सप्ताह में ही 225 मिमी बारिश हो चुकी है। जो औसत से ज्यादा है। वहीं, आगामी दिनों में भी अनुकूल माहौल बनने पर झोंकेदार हवा के साथ हल्की, तेज बारिश के आसार हैं।

लगातार बारिश से शुक्रवार को अधिकतम पारा सामान्य से सात डिग्री कम 25.5 डिग्री सेल्सियस रहा। रात का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री गिरकर 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। विशेषज्ञ अतुल ने शनिवार से मौसम में बदलाव का अनुमान जताया है।

पांच साल में सुधरी शहर की हवा
पांच वर्षों के वायु प्रदुषण से जुड़े आंकड़ों को नगर निगम ने सार्वजनिक किया है। इसमें एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में काफी सुधार होने की बात सामने आई है। हवा में मौजूद पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-10 और पीएम-2.5 में कमी देखने को मिली है। यह 180 से घटकर 80 पर पहुंच गया है। वर्ष 2019 में बरेली शहर को सीपीसीबी ने नॉन-अटेनमेंट शहरों की सूची में रखा था। इसके मुताबिक पांच वर्षों तक वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर बनी रही थी। पीएम-10 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था। 

नगर निगम ने बरेली विकास प्राधिकरण, यातायात विभाग और अन्य संबंधित विभागों के संयुक्त तत्वाधान में एक समग्र रणनीति विकसित की। कई अभिनव और सख्त कदम उठाए गए। आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभागों ने व्यापक रणनीति तैयार की और धूल नियंत्रण के साथ-साथ अन्य प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू कीं। इसके परिणामस्वरूप शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

अपर नगर आयुक्त सुनील यादव ने बताया कि बरेली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। यह बरेली को नॉन-अटेनमेंट श्रेणी से बाहर लाने की दिशा में बड़ा कदम है और शहर को पर्यावरणीय दृष्टि से स्वस्थ और स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

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