जेपी एसोसिएट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू
जयप्रकाश एसोसिएट्स की दिवालिया प्रक्रिया के समाधान और उसके प्रबंधन की जिम्मेदारी के लिए कर्जदाता बैंकों ने डेलाइट (Deloitte) का चयन किया है। जेपी एसोसिएट पर 51,509 करोड़ की देनदारी है। और माना जा रहा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी दिवालिया प्रक्रिया है।
जेपी एसोसिएट पर एसबीआई, आईसीआईसीआई और आईडीबीआई बैंक का सबसे अधिक उधार है। कंपनी के कुल बकाए में इन तीन बैंकों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा अन्य 31 कर्जदाताओं के कर्ज कंपनी पर है।
नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) जेपी एसोसिएट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति पहले ही दे चुकी है। जयप्रकाश एसोसिएट के पास सीमेंट प्लांट, रियल एस्टेट, विभिन्न शहरों में आवासीय भवन, होटल, अस्पताल और देश का एकमात्र फार्मूला वन रेस ट्रैक है। सूत्रों के मुताबिक देनदारी को चुकाने के लिए संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन का काम अब पीडब्ल्यूसी की जगह डेलाइट देखेगी।
जेपी एसोसिएट को उधार देने वालों ने भुवन मदान को रेजोल्यूशन (दिवालिया समाधान) प्रोफेशनल नियुक्त किया है। डेलाइट संपत्ति की बिक्री और दिवालिया प्रक्रिया के समाधान को लेकर योजना तैयार करेगी। उधारकर्ताओं ने कानूनी फर्म शार्दूल अमरचंद मंगलदास को कानूनी सलाहकार नियुक्त करने की मंजूरी दी है। सूत्रों के मुताबिक जेपी एसोसिएट पर एसबीआई का कर्ज 15,465 करोड़ का है।
इसके साथ कंपनी को आईसीआईसीआई बैंक को 9203 करोड़ तो आईडीबीआई बैंक को 5794 करोड़ रुपए लौटाने हैं। जेपी एसोसिएट के सीमेंट प्लांट की क्षमता 90 लाख टन की बताई जाती है। कंपनी के पास दिल्ली, नोएडा, मसूरी व आगरा जैसे शहरों में होटल है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का घाटा 1023 करोड़ का रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह घाटा 181 करोड़ का था।