बार के टॉयलेट में घुसा शख्स, अचानक हो गया ‘गायब’, 57 साल बाद पता चली ऐसी सच्चाई

दुनिया में कई रहस्य ऐसे होते हैं जिनके बारे में इंसान सब कुछ जान लेना चाहता है, मगर जान पाना काफी मुश्किल होता है. वो राज बनकर इंसान की जिंदगी में घूमते रहते हैं. ऐसा ही एक राज ब्रिटेन के एक परिवार के जीवन में भी था. उनकी फैमिली का एक व्यक्ति अचानक एक दिन बार के टॉयलेट से गायब (Man vanish from toilet of pub) हो जाता है. उसका कुछ पता नहीं लगता. अचानक 57 साल बाद उन्हें उस आदमी से जुड़ी ऐसी सच्चाई के बारे में पता चलता है, जिसके बारे में जानकर हर किसी के होश उड़ जाते हैं.

डेली स्टार न्यूज वेबसाइट के अनुसार ये मामला इंग्लैंड के डर्बीशायर (Derbyshire, England) का है. जनवरी 1967 में 54 साल के एल्फ्रेड स्विनस्को (Alfred Swinscoe) अपने इलाके के एक पब में आम दिनों की तरह शराब पीने गए थे. वो अपने बेटे गैरी के साथ था. वो एक खदान में काम किया करते थे. वो पब के टॉयलेट में गए पर रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए. उसके बाद वो कभी नहीं मिले. कई लोगों ने माना कि शख्स ने अपनी बीवी और 6 बच्चों को छोड़ दिया और कहीं दूर चला गया.

56 साल बाद खुला राज
गैरी की मौत 2012 में हो गई थी. उसे तब तक इस बात का विश्वास था कि उसके पिता यूं परिवार को छोड़कर नहीं भाग सकते. गैरी का भतीजा और एल्फ्रेड का पोता रसेल उस वक्त सिर्फ 4 साल का था. समय बीतता गया और रसेल 61 साल का हो गया. उसे लगा था कि वो अपने दादा जी का सच कभी नहीं जान पाएगा. मगर पिछले साल, 2023 में रसेल को एक ऐसी बात पता चली, जिसे जानकर उसके होश उड़ गए. सोशल मीडिया चलाते वक्त उसे अचानक पुलिस द्वारा पोस्ट की एक फोटो मिली, जिसमें बताया गया था कि पास के ही एक कस्बे, एक लाश, खेत के अंदर गड़ी मिली.

ऐसे चला सच का पता
दूसरी फोटो में जब रसेल ने लाश के मोजे को देखा तो वो दंग रह गया. वो वही मोजा था, जिसे उसके दादा पहना करते थे और रसेल भी उन मोजों को पैर पर चढ़ाने की कोशिश करता था. रसेल फौरन डीएनए टेस्टिंग के लिए उस कस्बे में पहुंचा. जब नतीजे आए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. वो लाश एल्फ्रेड की ही थी. पोस्टमॉर्टम में पता चला कि लाश के चेहरे और जबड़े पर चोट है, जिसका मतलब ये हुआ कि मरने से पहले उसके ऊपर हमला किया गया था जिसमें वो बुरी तरह घायल हुआ था. उसकी रीढ़ की हड्डी भी टूटी हुई थी. लोगों का मानना है कि जिस जगह पर शख्स को मारकर गाड़ा गया था, वहां पर उन दिनों समलैंगिकता अपराध माना जाता था. इस वजह से कई लोगों ने अंदाजा लगाया कि एल्फ्रेड ने ऐसा कुछ देख लिया होगा, जिसे छुपाने के लिए लोगों ने उसकी हत्या कर दी. बाद में परिवार ने एल्फ्रेड की अस्थियों को बेटे और बेटी की कब्र के पास ही दफना दिया. जिन दो लोगों पर उसकी मौत का शक था, उनकी मौत हो चुकी थी. इस वजह से हत्यारों के बारे में पता नहीं लग पाया.

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