राजस्थान : आस्था का केंद्र है मोती डूंगरी गणेश मंदिर, लगाई जाती है विशेष मेहंदी
गणेश चतुर्थी से एक दिन पूर्व गणेश जी को मेहंदी लगाई जाती है, जिसे बाद में भक्तों में प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिनका विवाह नहीं हो रहा। मान्यता है कि जो अविवाहित व्यक्ति इस मेहंदी को अपने हाथों में लगाता है, उसकी शादी अगले गणेश चतुर्थी से पहले हो जाती है। इस दिन मोती डूंगरी मंदिर में राजस्थान भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और मेहंदी का प्रसाद प्राप्त करते हैं।
विशेष आयोजन
शुक्रवार को सिंजारा पर्व पर गणेश जी को 3100 किलो मेहंदी धारण कराई गई। मेहंदी का वितरण पांच अलग-अलग स्थानों से किया गया और महिलाओं व कन्याओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई। भगवान गणेश को स्वर्ण मुकुट, मोती, सोना, पन्ना, माणक सहित अन्य रत्नों के हार से सजाया गया। शाम को भक्ति संध्या का आयोजन किया गया और मंदिर को आकर्षक रोशनी से सजाया गया।
गणेश चतुर्थी महोत्सव
शनिवार को गणेश जन्मोत्सव पर विशेष मेला आयोजित होगा। सुबह 4 बजे मंगला आरती के साथ मंदिर के कपाट खुलें। सुबह 11:20 बजे विशेष पूजन और साढ़े 11 बजे श्रृंगार आरती होगी। अन्य आरतियों का आयोजन भी दिनभर किया जाएगा।