जयपुर: दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को सितंबर से मिलेंगे 10 हजार रुपये

राज्य की उपमुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी ने बताया कि 2024-25 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम संतान के लिए वर्तमान में दी जा रही 6500 रुपये की राशि को 1 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु मजबूत कदम है। 

योजना की जानकारी देते हुए दिया कुमारी ने बताया कि दिव्यांग महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तथा संतान के जन्म के पश्चात अधिक पौष्टिक आहार मिल सके इस हेतु उक्त राशि में बढ़ोतरी कर उसे 10 हजार रुपये किया गया है। इसके साथ ही मां और बच्चे का बेहतर स्वास्थ्य हो तथा उनका टीकाकरण सुनिश्चित हो सके इस हेतु उक्त प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 3500 रुपये की यह अतिरिक्त राशि 100 प्रतिशत राज्य निधि से डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।

निदेशक, समेकित बाल विकास सेवाएं ओपी बुनकर ने बताया कि राज्य सरकार ने परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम संतान के लिए वर्तमान में दी जा रही राशि को 1 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है। 

उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार प्रथम किश्त का भुगतान आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण एवं कम से कम एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच पर पूर्व में 3000 रुपये दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया गया है। बच्चे के जन्म पर पूर्व में मिलने वाले 1500 रुपये की द्वितीय किश्त को बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है और बच्चे के जन्म का पंजीकरण एवं प्रथम चरण के संपूर्ण टीकाकरण पर चौदह सप्ताह की आयु तक के सभी टीके पूर्ण करवाने पर मिलने वाली तीसरी किश्त 2000 रुपये को बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बढ़ी हुई राशि 3500 रुपये ऐसी महिलाएं को देय है, जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) अथवा पूरी तरह से अक्षम हैं। उन्हें डीबीटी के माध्यम से उक्त राशि दी जाएगी।

“राष्ट्रीय पोषण माह 2024” का आयोजन

उपमुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी ने यह भी बताया कि 1 सितंबर से ही प्रदेश में “राष्ट्रीय पोषण माह 2024” का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं और बच्चों का पोषण को बढ़ावा देने और उनके बेहतर स्वास्थ्य की गतिविधियां संचालित करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और पोषण को भी लक्षित किया गया है। 

आईसीडीएस निदेशक ओपी बुनकर ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित होने वाले इस अभियान में एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी (PBPB), बेहतर शासन के लिए तकनीकी उपाय, पर्यावरण संरक्षण जैसी थीम्स रखी गई हैं। कार्यक्रम के लिए एक कैलेंडर भी तैयार किया गया है, जिसके अनुसार गतिविधियों को आयोजित किया जाना है।

श्री बुनकर ने जिला उपनिदेशकों एवं सीडीपीओ को निर्देशित किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, महिला पर्यवेक्षक, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अन्य सभी सहयोगी विभागों के समन्वय से राष्ट्रीय पोषण माह 2024 की गतिविधियों का कैलेंडर के अनुसार आयोजन किया जाए।

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