पब्लिक में बच्चों के नखरों को करना है आसानी से कंट्रोल, तो अपनाएं कुछ टिप्स!
अपने बच्चों की खिलखिलाती हुई किलकारी वाली हंसी हो, तोतले शब्द हों या फिर उनके द्वारा की गई कोई भी गतिविधि हो, हर माता-पिता के दिल को बहुत ही लुभाती है। इतना ही नहीं, कभी मूड खराब हो तो उनके द्वारा की गई बेवजह की फनी एक्टिविटी हमें हंसा जाती है। लेकिन यही बच्चे जब सार्वजनिक जगहों पर नखरे करते हैं, तो कुछ समझ नहीं आता की ऐसा क्या करें (Tips To Manage Kids Tantrums) कि ये तुरंत शांत हो जाएं।
बच्चों के सार्वजानिक रूप से होने वाले ये नखरे (Tantrums) अधिकतर पैरेंट्स को शर्मिंदा कर देते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ उनके साथ ही नहीं हो रहा होता, क्योंकि अधिकतर पैरेंट्स को इस चीज का सामना करना पड़ता है। इस बात को समझकर इस परिस्थिति में खुद पर उन्हें कंट्रोल बनाए रखना चाहिए और बच्चों के इस व्यवहार को अपने नियंत्रण में लाना चाहिए। बच्चों के इन नखरों को अच्छे से कैसे हैंडल करना है ये जानने के लिए इस आर्टिकल में हम कुछ टिप्स बता रहे हैं। आइए जानें।
बच्चे पर ध्यान दें
बाहर जाकर बच्चा अगर नखरे करता है तो हम सोचने लग जाते हैं कि लोग क्या कहेंगे, लेकिन इस सोच से हमें बाहर आना चाहिए क्योंकि हर पैरेंट्स इस दौर से गुजरते हैं। सब आपकी परिस्थिति को समझ रहे होते हैं। इसलिए बेहतर है कि ऐसे समय पर आप अपना ध्यान अपने बच्चे पर केन्द्रित करें।
बच्चे पर चिल्लाने से बचें
भीड़-भाड़ में बच्चे खुद को असुरक्षित महसूस करतें हैं। ऐसे में उनपर चिल्लाना मतलब उन्हें और रोने और चिल्लाने पर मजबूर करना होगा। इसलिए खुद में धैर्य बनाए रखें।
बच्चे को आश्वासन दें
ऐसे समय में बड़े ही धैर्य के साथ अपने बच्चों को आपको ये समझाना होगा कि आप उनकी सारी प्रॉब्लम को समझ रहे हैं। इसके लिए आपको उन्हें गले लगाना और उनकी आंखों में झांकते हुए उन्हें बहुत प्यार के साथ समझाना होगा।
बच्चे का ध्यान परिवर्तित करें
ऐसे समय में बच्चों को उनकी फेवरेट चीजों की तरफ ध्यान परिवर्तित कराना बहुत ही असरदार उपाय होगा।
बच्चे से तर्क ना करें
ऐसी परिस्थिति में बच्चे भावुक होते हैं, जिससे उनकी रीजनिंग पावर कम काम नहीं करती, इसलिए बच्चों से तर्क तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। बल्कि उनके शांत होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
बच्चों की डाइट और आराम का खयाल रखें
किसी भी सार्वजनिक जगह पर जानें से पहले बच्चों की नींद और खाने-पीने का ध्यान रखें। इसकी कमी भी उनके चिड़चिड़ेपन की वजह बन सकती है।
धैर्य बनाए रखें
बच्चों की जिद के आगे हार तो बिल्कुल ना माने वरना वे इस तकनीक को आगे भी आजमाएंगे और सोच लेंगे की अपनी बात मनवाने का ये तरीका सही है।