पंजाब: 200 दिन पूरे होने पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जुटे हजारों किसान

शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन-2.0 के 200 दिन पूरे होने पर शनिवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के निमंत्रण पर देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एलान किया कि दिल्ली आंदोलन-1 के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों को जान गंवानी पड़ी, जिसके विरोध में वे पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ 3 अक्टूबर को 2 घंटे का देशव्यापी रेल रोको आंदोलन करेंगे। इसके अलावा 15 सितंबर जींद व 22 सितंबर को पीपली में महापंचायत की जाएगी।

पंधेर ने कहा कि हरियाणा चुनाव के चलते भाजपा डरी हुई है, क्योंकि किसान आंदोलन उसके लिए सिरदर्दी बन गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले दोनों मोर्चे एक संयुक्त सम्मेलन आयोजित करेंगे। इसमें चुनाव को लेकर मोर्चे की रणनीति तैयार करके उसकी घोषणा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि लगातार मांग के बावजूद पंजाब सरकार बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में स्वास्थ्य सुविधाएं, बिजली, पानी, सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा रही है। इस कारण आंदोलनकारी किसानों को काफी परेशानी हो रही है। यदि इन समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो 14 सितंबर को राजपुरा के गगन चौक पर जाम लगाया जाएगा।

डल्लेवाल ने कहा कि जत्थेबंदियां समझती हैं कि गगन चौक पर जाम के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन सरकार से अपील करने के बावजूद काम न होने के कारण किसान मजबूर हैं। किसान नेताओं ने एक बार फिर साफ किया कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। किसान जत्थेबंदियां कमेटी नहीं चाहती हैं।

कमेटी का गठन मामले को लटकाने का प्रयास होगा। जत्थेबंदियों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को आदेश जारी किया जाएं कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जे माफ करने समेत किसानों की बाकी की मांगों को भी जल्द पूरा किया जाए।

बॉर्डर खुलते ही करेंगे दिल्ली कूच 
पंधेर ने कहा कि जैसे ही बॉर्डर खुलता है, वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही मोदी सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग शुरू कर दिया है। एनआईए की बीकेयू नेता सुखविंदर कौर के घर पर रेड भी उसी का एक हिस्सा है। इस मौके पर किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, काका सिंह कोटड़ा, मनप्रीत सिंह, जलार सिंह, बलवंत सिंह बेहरामके, बचित्र सिंह कोटला, गुरअमनीत सिंह मांगट, अमरजीत सिंह राडा आदि नेता मौजूद थे। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा और पंजाब राज्यों से तटस्थ व्यक्तियों के नाम सुझाने के लिए कहा था, जिन्हें अंबाला के पास शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करने के लिए समिति में शामिल किया जा सके।

केंद्र सरकार किसानों की सुने और उनकी मांगों को पूरा करे: विनेश
आंदोलन 2.0 के 200 दिन पूरे होने पर किसानों की महापंचायत में उनके समर्थन में ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पहुंची। उन्होंने कहा-किसानों को सड़क पर बैठे देख दुख होता है। किसान ही देश को चलाता है। सभी को भोजन देता है। यहां तक कि उनके सपोर्ट के बिना कोई भी खिलाड़ी देश का नाम रोशन नहीं कर सकता। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा-सरकार को किसानों की मांगों को सुनना चाहिए। सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा करने का वादा किया था, अब उन्हें अपना वादा निभाना चाहिए। विनेश ने कहा कि देश के लोग अगर अपने हकों के लिए आवाज उठाते हैं, और सड़क पर आते हैं तो यह जरूरी नहीं कि वह राजनीति से प्रेरित हो। उन्होंने कहा-मैं खुद किसान परिवार से हूं इसलिए मैं किसानों का दुख दर्द समझ सकती हूं। किसान नेताओं ने विनेश को सम्मानित भी किया।

मुझे राजनीति नहीं आती 
राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा-मुझे राजनीति का कोई भी ज्ञान नहीं है। मैं खिलाड़ी हूं और खेल के बारे में ही जानती हूं। उसी से जुड़े सवालों के जवाब दे सकती हूं लेकिन आज सिर्फ किसानों की बात होनी चाहिए क्योंकि आज मैं उनके समर्थन में आई हूं। यह पूछे जाने पर कि अगर हरियाणा में किसान आंदोलन करेंगे तो क्या वे उनका समर्थन करेंगी। विनेश बोलीं-क्यों नहीं? देश का किसान परेशान है और उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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