ज्यादा पसीना और इसकी बदबू बन सकती है शर्मिंदगी का कारण, इन तरीकों से करें इसे दूर
पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है, लेकिन कुछ लोगों को अत्यधिक पसीना आता है और कुछ लोगों को पसीने की बदबू के कारण शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ जाता है। अधिक पसीना आने की स्थिति को हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। ये प्राइमरी और सेकेंडरी दो प्रकार के होते हैं।
प्राइमरी का कारण ओवर एक्टिंग स्वेट ग्लैंड्स, जेनेटिक या फिर अज्ञात है लेकिन सेकेंडरी का कारण किसी दवा का साइड इफेक्ट, एंजाइटी या कोई बीमारी हो सकती है। अगर 6 महीने तक लगातार दोनों अंडरआर्म में पसीना आए या लिखते समय हाथ में पसीना हो जाए तो ये प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण हैं।
इससे निपटने के लिए अपनाएं ये कारगर 5 तरीके-
रात में एंटी पर्सपिरेंट का इस्तेमाल करें
साफ और ड्राई स्किन पर एंटी पर्सपिरेंट का इस्तेमाल करें। रात में इसे लगा कर सोने से ये अधिक प्रभावी होते हैं। रात में इसके एक्टिव इंग्रीडिएंट स्वेट ग्लैंड्स को ब्लॉक करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
शूज में एंजोर्बेंट इंसोल का इस्तेमाल करें
ये पंजों से निकलने वाले एक्स्ट्रा पसीने को सोखता है, पैरों को सूखा बनाए रखता है और किसी प्रकार के फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाता है।
एंटी फंगल पाउडर
पसीने के कारण नमी बनी रहती है, जिससे फंगल इन्फेक्शन पनपने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में एंटी फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें, जो पसीने को सोख कर संक्रमण से बचाव करने के लिए ही बनाया जाता है।
लूज फिटिंग के कपड़े पहनें
ढीले कपड़े पहनने से हवा का बहाव बना रहता है, जिससे स्किन ठंडी रहती है और पसीना कम आता है। डार्क कलर के कपड़े पहनने से पसीने के निशान नहीं दिखते हैं, जिससे पब्लिक प्लेस में आपको संकोच नहीं महसूस होता है।
बोट्यूलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन
बोटॉक्स उन नसों को ब्लॉक कर देता है जिससे पसीना आता है। ये एक प्रभावी तरीका है, जो लंबे समय तक पसीने की समस्या से निजात दिलाता है।