गोंडा: मेडिकल कॉलेज को जल्द मिल सकती है सशर्त मान्यता

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्राचार्य और उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा अंडरटेकिंग प्रमाण-पत्र

एलओपी पर सुनवाई रही संतोषजनक, पहले समेस्टर की फैकल्टी पूरी करने का दिया शपथपत्र

संवाद न्यूज एजेंसी
गोंडा। महाराजा देवीबख्श सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) के पहले सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए जल्द ही हरी झंडी मिल सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्राचार्य डॉ. धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने व यूपी सरकार से अंडरटेकिंग मांगी है। जिससे सशर्त एलओपी (लेटर ऑफ परमिशन) मिलने की उम्मीद है।
सर्किट हाउस के पास 282 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पढ़ाई शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई सुनवाई के दौरान काफी सकारात्मक वार्ता हुई। पहले समेस्टर के जरूरी फैकल्टी पूरी होने का शपथ पत्र दिया गया है। उसके बाद मंत्रालय ने इस शर्त को लेकर अंडरटेकिंग मांगा कि पहला समेस्टर पूरा होने तक सभी जरूरी मानक पूरा कर लिया जाएगा। यूपी सरकार से भी अंडरटेकिंग मांगा गया है।

बता दें कि विगत दिनों एनएमसी टीम के निरीक्षण के बाद लेटर ऑफ परमिशन न देने से हाथ खड़े कर दिए थे। इसको लेकर प्राचार्य ने एनएमसी एक्ट-19 की धारा 28 (5) के तहत अपील की थी। इसकी सुनवाई करते समय काउंसिल के सदस्यों ने सिर्फ एक सेमेस्टर के लिए जरूरी फैकल्टी पूरी करने के निर्देश दिए थे। लेकिन जिले के मेडिकल कॉलेज को एनाटॉमी विषय के लिए जरूरी फैकल्टी भी नहीं मिल पाई। चार अगस्त को एनाटॉमी के प्रोफेसर की तैनाती हो गई है। उसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अपील की गई। जिसकी सुनवाई विगत 22 अगस्त को हुई। जिसमें एलओपी मिलने के संकेत मिल गए हैं।

सार्थक रही सुनवाई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई सुनवाई के दौरान बहुत ही सार्थक वार्ता हुई। जिसमें पहले समेस्टर को पढ़ाने के लिए जरूरी फैकल्टी पूरी करने का शपथपत्र व अंडरटेकिंग दिया गया है। जल्द ही एलओपी मिलने की उम्मीद है।
-डॉ. धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने, प्राचार्य

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