पंजाब के इस इलाके में धड़ल्ले से चल रहा गंदा धंधा, खड़े हो रहे सवाल…

गुरु नगरी में कमिश्नरेट पुलिस एक तरफ तो शहर में नशे और जिस्मफिरोशी के गोरख धंधे पर नकेल कसने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सच्चाई इसके बिलकुल विपरीत है। सूत्रों की माने तो शहर का कोई भी इलाका हो (चाहे स्लम हो या फिर पॉश) हर तरफ ही नशे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। सोशल मीडिया पर आए दिन युवा-युवतियों के नशे में चूर होने के वीडियो वायरल होना प्रमुख प्रमाण है।

हालांकि सरकार भी नशे की लत को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है, लेकिन समय के साथ बड़े-बड़े नशों (स्मैक, चिट्टा, टीकों) की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पहले अनगढ़ क्षेत्र को नशे की मंडी के नाम से जाना जाता था, परंतु अब तो शहर के हरेक इलाकें में यही हाल बना हुआ है। जानकारी अनुसार शहर के रामबाग इलाके के इर्द-गिर्द के इलाकों में नशों तथा जिस्मफिरोशी का धंधा बड़े स्तर पर अंदरखाते इलाके अधीन आते होटलों में चल रहा है।

रामबाग क्षेत्र की स्थिती 

अगर शहर के प्रमुख एंट्री स्थल की बात करे तो शहर का मुख्य बस अड्डा भी रामबाग इलाके के पास ही आता है। बस अड्डे से प्रतिदिन एक लाख के लगभग यात्री सफर करते है। यह सारा इलाका थाना रामबाग के अधीन आता है और बस अड्डे में अलग से एक पुलिस चौकी भी बनाई हुई है लेकिन हैरानी की बात है कि बस अड्डे व रामबाग इलाके के आसपास के इलाकों में अवैध शराब और अन्य नशीले पदार्थों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। जानकारी के मुताबिक बांसा वाला बाजार के पास कोई भी आम आदमी सड़क पर 5-10 मिनट तक खड़ा रहता है तो कुछ लोग (अवैध शराब बेचने वाले तस्कर खुद ही) सीधे ही उससे आवाज लगाकर पूछेगें कि नाजायज शराब चाहीदी है और किनी चाहीदी है?

पुलिस कार्रवाई तो करती है लेकिन बाज नहीं आते नशा तस्कर 

थाना रामबाग पुलिस द्व‌ारा समय-समय पर नशे की खेपे पकड़ी तो जाती है, लेकिन इसके बावजूद इलाके में नशे की बिक्री में कोई कमी नहीं आ रही है जबकि क्षेत्रवासियों का कहना है कि पिछले कुछ समय से इन इलाकों में नशों की बिक्री और बढ़ गई है। विगत दिनों रामबाग थाने की पुलिस ने एक्साईज विभाग की टीम के साथ मिलकर यहां शराब की खेप पकड़ी थी और उस छापेमारी के दौरान एक नशा तस्कर ने मौके पर ही एक हवलदार को ही पकड़कर उससे हाथापाई तक की थी। इससे साबित होता है कि इन नशा तस्करों को अब पुलिस की भी किसी भी तरह का कोई भय नहीं रह गया है, बलिक उनके हौंसले और बुलंद हुए पड़े है।

बस स्टैंड के आसपास भी बिकता है नशा 

सूत्रों का कहना है कि बस अड्डे के आसपास के इलाकों में भी खुलेआम नशा काफी धड़ल्ले से बिक रहा है। हालाकि इस संबंध में पिछले दिनों पुलिस ने कार्रवाई भी की थी, लेकिन पुलिस की ये कारवाई केवल मामले दर्ज करने तक ही सीमित है, जिसकी वजह से ये नशा तस्कर फिर से वहां आकर सक्रिय हो जाते है और जमकर नशा बेचना शुरू कर देते है।

इलाके के होटलों में चल रहा है जिस्म फिरोशी का खेल

रामबाग इलाके के अंतर्गत आने वाले होटलों और बस स्टैंड के आसपास भी खुलेआम ही जिस्म फिरोशी का खेल भी बड़े स्तर पर चल रहा है। यहां पर बस अड्डा चौकी की पुलिस ने आला अधिकारियों के साथ मिलकर एक-दो होटलों में रेड करके कुछेक प्रेमी जोड़ों को पकड़ा था और होटलों के संचालकों के साथ कुछ युवक-युवतियों को भी काबू किया था। परंतु इसके बावजूद ये काम अब फिर से सक्रिय हो चुका है।लोगों का कहना है कि पुलिस को इसकी जानकारी अच्छी तरह से होती है लेकिन कुछ दिनों बाद एक-दो होटलों पर छापेमारी करके अपनी ड्यूटी से इति श्री कर लेती है। वहीं जानकारी अनुसार बस अड्डे के सामने व पीवीआर सिनेमा के बाहर खुले इलाकों में कुछ युवतियां व महिलाएं सरेआम ही सड़क पर खड़ी होती है और कुछेक लोगों को ताड़कर उसके पास जाकर खुद ही अक्सर पूछती हैं कि जाना है तो बताओ।

बस स्टैंड के आस-पास भी बिकता है नशा

बस स्टैंड के ठीक सामने जिस्म फिरोशी के धंधे से मजबूरी वश जुड़ी एक पढ़ी-लिखी लड़की ने अपनी पहचान छुपाते हुए बताया कि पहले उसे अपने किसी एक दोस्त के साथ नशे की लत लग गई और फिर धीरे-धीरे नशे की लत को पूरा करने के लिए उसने अपना घर छोड़ दिया और फिर मजबूरन धंधे को अपना लिया। जानकारी अनुसार ऐसी और भी कई लड़कियां व महिलाएं हैं जो नशे की लत को पूरा करने के लिए मजबूरन इस धंधे में आ जाती है। सूत्रों का कहना है कि यहां आसपास के होटल भी इस धंधे को जोरों से चलाते हैं और इन उल्टा इन युवतियां को घंटों भर के हिसाब से होटलों के रूम बिना किसी आई.डी. के ही मोटी रकम के हिसाब से दे देते है, जिससे इस गौरव धंधे को और बढ़ावा मिल रहा है।

पुलिस को लगातार करनी चाहिए छापेमारी 

प्रश्न यहां यह है कि पुलिस टीमों को इन इलाकों में लगातार छापेमारी और विशेष ऑपरेशन निंरतर चलाना होगा, तभी नशे व जिस्म फिरोशी के गौरव धंधे पर नकेल कसी जा सकेगी। लोगों का कहना है कि कुछ दिनों बाद एक-दो होटलों में एक-दो बार छापेमारी करके होटल संचालकों को गिरफ्तार कर लेने से इस देह व्यापार और नशे के कारोबार को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। अगर इस पर नकेल कसनी है तो पुलिस को नशे के खिलाफ बड़ा अभियान चलाना होगा।

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