उदयपुर: नवलखा महल पहुंचे सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर
नवलखा महल सांस्कृतिक के प्रकल्प राष्ट्रोत्थान में सहायक हैं। ये विचार उदयपुर के गुलाब बाग स्थित नवलखा महल के विभिन्न प्रकल्पों का अवलोकन करने के दौरान सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नवलखा महल वह पवित्र स्थल है, जहां महर्षि दयानन्द सरस्वती ने साढ़े छह माह विराजकर अपने अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का प्रणयन किया था। उन्होंने कहा कि मुझे आज नवलखा महल का अवलोकन करते हुए अत्यन्त हर्ष की अनुभूति हो रही है कि जिस स्थल पर महर्षि दयानन्द सरस्वती ने साढ़े छह माह प्रवास किया उस स्थल को आज विश्व पटल पर स्थापित कर दिया गया है।
सिक्किम के राज्यपाल एक दिन के उदयपुर प्रवास पर आए थे। यहां पर उनका नागरिक अभिनंदन भी किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यहां जो विभिन्न प्रकल्प तैयार किए गए हैं, वह वास्तव में अद्भुत तो हैं। साथ ही अनुकरणीय भी हैं। यहां सोलह संस्कारों को जीवन्त रूप में दर्शित करने हेतु संस्कार वीथिका का निर्माण किया गया है, जिसका अवलोकन कर देश विदेश के पर्यटक प्रेरणा प्राप्त करते हैं। मनुष्य को सही अर्थों में मनुष्य बनाने की प्रेरणा यहां से प्राप्त होती है।
नवलखा महल आगमन पर राज्यपाल माथुर का पगड़ी, उपरणा, ओ3म् दुपट्टा इत्यादि पहनाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश के अध्यक्ष अशोक आर्य ने नवलखा महल के माध्यम से किए जा रहे कार्यां के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यहां प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार से अधिक पर्यटक सशुल्क अवलोकन करने हेतु आते हैं साथ ही उन्होंने बताया कि महर्षि दयानन्द सरस्वती 200 वीं जन्म षताब्दी को भव्य रूप से मनाने हेतु माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। माननीय प्रधानमंत्री की इस भावना के अनुरूप कार्य करने हेतु नवलखा महल भी अपनी महती भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर न्यास के मंत्री भवानीदास आर्य,कोषाध्यक्ष नारायणलाल मित्तल न्यासी ललिता मेहरा, कार्यालय मंत्री भंवरलाल गर्ग, आर्य समाज हिरणमगरी के प्रधान भंवरलाल आर्य, रमेश चन्द्र जायसवाल, संजय शांडिल्य नवलखा महल यूथ क्लब की संयोजक ऋचा पीयूष, उषा चौहान, सृष्टि राठौड़, चिरांश आर्य एवं कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।