चांदी का आयात इस साल दोगुना हो सकता है, औद्योगिक मांग और निवेश से बढ़ी मांग…
एक प्रमुख चांदी आयातक ने शुक्रवार को कहा कि भारत में चांदी का आयात इस साल बढ़कर दोगुने के करीब होने वाला है। इसकी वजह सौर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं की ओर बढ़ती मांग है। साथ ही निवेशकों का मानना है कि चांदी सोने की तुलना में बेहतर रिटर्न देगी।
दुनिया के सबसे बड़े चांदी उपभोक्ता द्वारा अधिक आयात से चांदी की वैश्विक कीमतों को और अधिक समर्थन मिल सकता है, जो इस समय एक दशक से अधिक के उच्चतम स्तर के करीब हैं। भारत ने पिछले साल 3,625 टन चांदी का आयात किया था। प्रमुख चांदी आयातक व गुजरात के आम्रपाली समूह के सीईओ चिराग ठक्कर ने कहा कि बढ़ती औद्योगिक मांग के कारण इस वर्ष चांदी की खरीद 6,500 से 7,000 टन के बीच हो सकती है।
व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 की पहली छमाही में भारत का चांदी का आयात एक साल पहले के 560 टन से बढ़कर 4,554 टन हो गया है। ठक्कर ने इंडिया गोल्ड कॉन्फ्रेंस के इतर रॉयटर्स से कहा कि चांदी की आभूषणों की पारंपरिक मांग है। अब लोग निवेश के उद्देश्य से भी इसकी खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि शुल्क में कटौती से चांदी सस्ती हो गई है।