अयोध्या: राम मंदिर निर्माण में एक साल में खर्च हुए 776 करोड़, दान में मिले 363 करोड़
राममंदिर सहित अन्य स्थायी निर्माण में बीते एक साल में 776 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बीते वित्तीय वर्ष में रामलला को 363 करोड़ का दान भी मिला है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बृहस्पतिवार को बीते वित्तीय वर्ष के आय-व्यय का लेखा-जोखा सार्वजनिक किया।
ट्रस्ट की बैठक मणिरामदास की छावनी में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में हुई। इसके बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अस्थायी निर्माण व स्थायी निर्माण पर बीते साल 776 करोड रुपये खर्च हुए हैं। इसमें 540 करोड़ सिर्फ मंदिर निर्माण पर खर्च किए गए। शेष राशि अन्य मद में खर्च हुई।
उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के वित्तीय वर्ष में मंदिर निर्माण पर 670 करोड़ और खर्च होने की संभावना है। इसके अलावा 180 करोड़ रुपये अन्य मदों में खर्च हो सकते हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले चार वर्षों में ट्रस्ट को भक्तों ने बड़ी मात्रा में सोना-चांदी भेंट किया है। इसमें 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना मिला है। भारत सरकार की संस्था मिंट इनका परीक्षण कर रही है। पहले चरण में 9.44 कुंतल चांदी मिंट को दी गई है। इसका परीक्षण सितंबर से हैदराबाद के टकसाल में किया जाएगा। ट्रस्ट की ओर से दो व्यक्ति परीक्षण के दौरान मौजूद रहेंगे।
महासचिव ने बताया कि रामलला की मूर्ति के लिए तीन मूर्तिकारों का चयन हुआ था। तीनों मूर्तिकारों ने अलग-अलग मूर्ति बनाई थी। इसमें से एक मूर्तिकार की मूर्ति का चयन हुआ था, जो गर्भगृह में स्थापित है। तीनों मूर्तिकारों को मूर्ति निर्माण के लिए 75-75 लाख की धनराशि 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर दी गई है।
बैठक में आठ ट्रस्टी मौजूद रहे। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह समेत आमंत्रित सदस्य गोपाल राव व शरद शर्मा मौजूद रहे। केशव पाराशरण, युगपुरुष परमानंद, जगदगुरु विश्व प्रसन्न तीर्थ, जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती व भारत सरकार के सचिव प्रशांत लोखंडे ऑनलाइन बैठक से जुड़े रहे। ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल बीमार होने व प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद व्यस्तता के चलते बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
बीते वित्तीय वर्ष में रामलला को मिला दान
ट्रस्ट के दान पात्र में – 53 करोड़
रामलला की हुंडी में – 24.50 करोड़
ऑनलाइन – 71.51 करोड़
विदेशी दान – 10.43 करोड़
राम जन्मभूमि पथ पर स्थायी जर्मन हैंगर लगाने की तैयारी
डेढ़ किलोमीटर लंबे श्रीराम जन्मभूमि पथ पर अब भक्तों की सुविधा के लिए स्थायी जर्मन हैंगर लगाने की सहमति बैठक में मिल गई है। मार्च से लेकर सितंबर तक गर्मी व बरसात की अधिकता रहती है। तय हुआ की भक्तों को इससे बचाने के लिए स्थाई रूप से जर्मन हैंगर लगाया जाए। काम अक्टूबर से शुरू कर दिया जाएगा।
प्रथम तल पर स्थापित होगा टाइटेनियम का राम दरबार
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्रथम तल पर संगमरमर का राम दरबार स्थापित किया जाना है, लेकिन इससे पहले टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार की स्थापना पर चर्चा हुई थी। टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार ट्रस्ट को समर्पित कर दिया गया है। अब संगमरमर के राम दरबार की स्थापना होनी है, इसलिए बैठक में निर्णय हुआ है कि मंदिर में उत्सव मूर्ति भी होती है। टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार को उत्सव मूर्ति के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस पर सहमति बन गई है। टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट और चौड़ाई एक फिट है।
ट्रस्ट को मिला 2100 करोड़ के चेक
चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट कार्यालय पर एक 2100 करोड़ का चेक आया है। चेक पर देने वाले का नाम, पता व मोबाइल नंबर भी लिखा है, लेकिन यह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष के नाम से भेजा गया है। चेक बैंक को समर्पित कर दिया गया है और पीएम राष्ट्रीय आपदा कोष के नाम भेजने को निर्देशित किया गया है।