इस शहर को क्या हुआ? लोगों ने घरों के बाहर लटका दी लाल रंग की बोतल

सागर के कई मोहल्लों में घरों के बाहर दरवाजों या खिड़की पर लाल बोतल लटक रही हैं. ऐसा नजारा देख अनजान लोग पहले तो डर जा रहे हैं. उन्हें लगता है कि यहां के लोगों ने कोई टोना-टोटका किया हुआ है, पर जब इस बोतल के पीछे की असली वजह पता चलती हैं तो हैरान रह जाते हैं. दरअसल, बोतल लटकाने वाले लोग ही डरे हुए हैं और डर से बचने के लिए उन्होंने ये उपाय किया है.

सागर में कई गली-मोहल्ले में घरों के बाहर लटकती इन बोतलों के जरिए आवारा कुत्तों को भगाने की कोशिश की जा रही है. लोगों का ऐसा मानना है कि लाल रंग देखने से कुत्तों की आंखों में परेशानी होती है. इसकी वजह से वे उस जगह पर नहीं ठहरते हैं, जहां लाल रंग दिख रहा हो. इनका दावा है कि इस उपाय से कुछ हद तक कुत्तों से राहत भी मिली है. अब जैसे-जैसे लोगों को यह पता चल रहा है, लोग लाल बोतल लटका दे रहे हैं.

कुत्तों से पूरा जिला परेशान
दरअसल, सागर ही नहीं जिले भर में आवारा कुत्तों का खूब आतंक है. रोजाना जिला अस्पताल और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 30 से ज्यादा मरीज रैबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं. नगर निगम ने तो आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए पिछले साल 5 लाख का अलग से बजट भी निकाला था, लेकिन उसका कोई प्रभाव दिखा नहीं. इसके अलावा करीब 15 दिन पहले सागर के बीना में एक 8 साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. 2 दिन पहले ही एक गांव में ढाई घंटे में 17 लोगों को पागल कुत्ते ने काटा था. लगातार बढ़ रही घटनाओं से शहर के लोग डरे हुए हैं. अब तो बच्चों को भी घरों के बाहर अकेले नहीं निकलने देते हैं. वहीं, इन कुत्तों से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय भी किए जाने लगे हैं. उन्हें में से एक उपाय यह है कि लोग यह लाल रंग से भरी बोतल अपने घरों के सामने लटका रहे हैं.

कैसे तैयार करते हैं लाल रंग से भरी बोतल
बता दें कि ट्रांसपेरेंट बोतल में लाल रंग या महावर का घोल बनाकर उसमें भर देते हैं और ढक्कन लगा देते हैं. उससे एक रस्सी के सहारे अपनी गली में या दरवाजे के पास इतनी ऊंचाई से लटकाते हैं कि अगर कुत्ते उस तरफ आएं तो उनकी नजर उस पर जाए. लोगों का मानना है कि कुत्तों की जैसे ही नजर बोतल पड़ती है तो वो भाग जाते हैं. बरिया घाट के सौरभ मिश्रा बताते हैं कि जिस तरह से शहर में कुत्तों के काटने की खबरें सामने आ रही हैं, उससे भय बढ़ता जा रहा है. हमारे घर के आसपास यह उपाय अपनाने से कुत्तों का आना काफी कम हो गया है या एक प्रकार से दो दिन से तो दिखाई ही नहीं दे रहे हैं.

एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस तरह कुछ इंसान कलर ब्लाइंड होते हैं, उसी तरह कुत्तों को नीले, हरे और लाल रंग में अंतर करने में परेशानी होती है, इसलिए जो जंगल में कुत्ते रहते हैं वो या तो सुबह निकलते हैं या फिर शाम ढलने के बाद सक्रिय होते हैं.

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