रक्षाबंधन पर जरा सी गलती पड़ सकती है भारी, जानें

सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इस माह के अंत में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। सावन पूर्णिमा पर बहन अपने भाई की कलाई पर शुभ मुहूर्त में राखी बांधती हैं और तिलक करती हैं। इस दौरान बहन, भाई के लिए उन्नति की कामना करती हैं और भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। ऐसा माना जाता है कि रक्षाबंधन के दिन कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से भाई और बहन के रिश्ते में खटास आ सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़े नियम के बारे में।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat)

रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक है। इन दोनों समय में अपनी सुविधा अनुसार, बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।

रक्षाबंधन के दिन क्या करें?

रक्षाबंधन के दिन बहन को विशेष उपहार देना चाहिए। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह गिफ्ट सनातन धर्म की दृष्टि से अशुभ न हो।

सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विधान है।

सावन पूर्णिमा के दिन विशेष चीजों का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसे में इस दिन सुबह स्नान करने के बाद श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

राखी बांधते समय निम्न मंत्र का जप करना चाहिए।

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।

रक्षाबंधन के दिन क्या न करें?

रक्षाबंधन के दिन महिलाओं और बहनों का अपमान नहीं करना चाहिए।

रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहता है, तो ऐसे में इस दिन राखी बांधने से पहले जान लें कि भद्रा का साया कब से कब तक है, क्योंकि भद्रा के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

भाई की कलाई पर प्लास्टिक की राखियां नहीं बांधनी चाहिए ।

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