क्या नूडल-चिप्स में मिला होता है मांस? इंटरनेट पर वायरल पोस्ट की क्या है सच्चाई

बाजार में खाने के सैकड़ों पैक्ड सामान मिलते हैं जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं. बिस्किट, चिप्स, नूडल, सॉस, जैम, आदि चीजों का सेवन बड़ी मात्रा में होता है. इन सामानों के ऊपर लाल या हरे निशान से मार्क रहता है कि वो चीजें शाकाहारी हैं या मांसाहारी. पर क्या उन मार्क के भरोसे ही ये विश्वास किया जा सकता है कि वो चीजें वेज हैं या नॉन वेज? (Do Chips, noodles contain meat) इंटरनेट पर हाल ही में एक पोस्ट वायरल हो रहा है कि नूडल और चिप्स में मांस पड़ा होता है. क्या ये दावा सही है? चलिए आपको बताते हैं.

इंस्टाग्राम पर एक चर्चित अकाउंट है, ‘वन विजन मीडिया’ (@onevisionmedia.in). इस अकाउंट पर हाल ही में एक पोस्ट शेयर किया गया है, जिसमें इस बात पर सवाल उठाया गया है कि चिप्स और नूडल्स वाकई शाकाहारी होते हैं या फिर ग्राहकों को मांस खिलाया जा रहा है? पोस्ट में दावा किया गया कि भारत में बिकने वाले 70 फीसदी पैक्ड खाने में एक नॉन-वेज एलिमेंट होता है, जिसे Disodium inosinate (E631) कहते हैं. यहां E का अर्थ है यूरोप. ये यूरोप में इस्तेमाल होने वाले ई-नंबर खाने को वर्गिकृत करने के लिए बनाए गए हैं.

क्या है E631?
द लल्लनटॉप वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार E600 से E699 तक की कैटेगरी वाले सारे पदार्थ स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट्स हैं. हालांकि, जितने भी नंबर हैं, उनके वर्गीकरण से ये नहीं पता चलता कि उन पदार्थों को बनाया कैसे जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक डायसोडियम इनोसाइनेट सूअर के मीट, सारडाईन मछली और शराब के बाई प्रोडक्ट के रूप में बनाया जाता है. हालांकि, ये भी कहा जाता है कि कसावा नाम की झाड़ियों से भी इसे हासिल किया जाता है. ऐसे में ई-नंबर्स ये नहीं बताते हैं कि वो किस चीज से बनाए जाते हैं, हालांकि, उनमें ये ‘संभावना’ होती है कि मांस से बनाए गए हों, पर अब उन्हें बनाने के कई अन्य प्राकृतिक तरीके भी हैं. खाने पर हरी या लाल बिंदी भी बताती है कि वो मांसाहारी है या फिर शाकाहारी. इसके अलावा एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस ऑफ इंडिया) ने भी कंपनियों के लिए कई नियम बनाए हैं, जिसे उनका पालन करना पड़ता है. उन्हें हर प्रोडक्ट पर ये साफ बताना पड़ता है कि वो मांसाहारी है या शाकाहारी.

पोस्ट पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
इस लिहाज से इंस्टाग्राम पर वायरल पोस्ट भ्रामक है, जो पूरी तरह सच नहीं है, हालांकि, उसमें सही होने की कुछ संभावनाएं हैं. इस पोस्ट को 37 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं और कई लोगों ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. बहुत लोगों ने कहा कि आज के वक्त में पूरी तरह से शाकाहारी होना काफी मुश्किल है.

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