अयोध्या में 50 लाख की लाइटें चोरी…मामले में जांच के बाद आरोप निराधार

अयोध्या में उच्च सुरक्षा वाले इलाके में स्थित भक्ति पथ और राम पथ पर लगाए गए 50 लाख रुपए से अधिक मूल्य के लगभग 3,800 ‘बैम्बू’ और 36 ‘प्रोजेक्टर लाइट’ कथित तौर पर चोरी हो जाने के मामले में जांच के बाद आरोप का निराधार किया दिया है। विकास प्राधिकरण ने इन कंपनी पर ही धोखाधड़ी समेत अन्य मामलों के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।

9 अगस्त को दर्ज कराया गया था मामला
बता दें कि अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए ठेके के तहत फर्म यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स द्वारा रामपथ के पेड़ों पर 6,400 ‘बैम्बू लाइट’ और भक्तिपथ पर 96 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ लगाई गई थीं। फर्म के प्रतिनिधि शेखर शर्मा के अनुसार रामपथ और भक्तिपथ पर लगाई गई 3,800 ‘बैम्बू लाइट’ और 36 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ चोरी हो गई हैं। उनके द्वारा राम जन्मभूमि थाने में मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार ‘‘रामपथ पर 6,400 बैम्बू लाइट तथा भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगाई गई थीं। गत 19 मार्च तक सभी लाइट लग चुकी थीं, लेकिन 9 मई को निरीक्षण के बाद पता चला कि कुछ लाइट गायब हैं। दर्ज शिकायत के अनुसार फर्म को इस चोरी की जानकारी मई में हुई, लेकिन मामला चोरी के 2 महीने बाद 9 अगस्त को दर्ज कराया गया। इस मामले की जांच की जा रही थी।

फर्जी भुगतान के लिए कंपनी ने बनाई कहानी
अयोध्या विकास प्राधिकरण इस मामले में जांच कर रहा था। इस मामले आरोप-प्रत्यारोप शुरू होने के बाद अयोध्या प्रशासन ने दावा किया कि जिन लाइट के चोरी होने की बात कही जा रही है वे शायद कभी लगाई ही नहीं गईं। प्राधिकरण ने गंभीरता से इस मुद्दे पर जांच की और पता लगा कि ये आरोप निराधार है। प्राधिकरण के अध्यक्ष गौरव दयाल ने भी लाइटें चोरी होने को असंभव बताया था। प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह का कहना है कि फर्जी भुगतान के लिए कंपनी द्वारा ही यह प्रोपेगेंडा रचा गया था। इसलिए जांच के बाद कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। 

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