जुलाई में पाम तेल का आयात 10.81 लाख टन की ऊंचाई पर
खाद्य तेल उद्योग के प्रमुख निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बुधवार को कहा कि भारत का पाम तेल आयात जुलाई में 10.81 लाख टन के मौसमी उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे बंदरगाहों पर भीड़भाड़ हुई और बर्थिंग में 8-10 दिन की देरी हुई। आयात जुलाई, 2023 के 10.86 लाख टन से मामूली रूप से कम था। कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा 57 प्रतिशत था।
एसईए ने बयान में कहा कि जुलाई में कुल वनस्पति तेल आयात 18.95 लाख टन रहा, जो एक साल पहले 17.71 लाख टन था। तेल वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति तेलों का आयातक और उपभोक्ता है। एसईए ने कहा कि तीसरी तिमाही (मई-जुलाई) में आयात में 20 प्रतिशत की वृद्धि आगामी त्योहारी सत्र में मांग बढ़ने की उम्मीदों से प्रेरित थी। इसके कारण कांडला बंदरगाह पर भीड़भाड़ बढ़ गई, जिससे 8-10 दिन की देरी हुई।
एसईए के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2024 में आरबीडी पामोलिन का आयात सालाना आधार पर 2.37 लाख टन से घटकर 1.36 लाख टन रह गया। कच्चे पाम तेल का आयात 8.41 लाख टन से बढ़कर 9.36 लाख टन हो गया, जबकि कच्चे पाम कर्नेल तेल का आयात 7,457 टन से बढ़कर 8,001 टन हो गया। सॉफ्ट ऑयल में, सूरजमुखी तेल का आयात 3.27 लाख टन से बढ़कर 3.66 लाख टन हो गया। सोयाबीन तेल का आयात जुलाई, 2023 के 3.42 लाख टन के मुकाबले 3.91 लाख टन रहा।
जुलाई में कुल खाद्य तेल का आयात साल-दर-साल 17.55 लाख टन से बढ़कर 18.40 लाख टन हो गया, जबकि गैर-खाद्य तेल 15,999 टन के मुकाबले 55,014 टन रहा। एक अगस्त तक खाद्य तेल का स्टॉक 29 लाख टन होने का अनुमान है, जिसका श्रेय जुलाई के उच्च आयात को जाता है। चालू तेल वर्ष के पहले नौ महीनों में, कुल वनस्पति तेल का आयात 121.24 लाख टन था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 122.54 लाख टन से थोड़ा कम है।