भगवान गणेश की पूजा के समय करें मंत्रों का जप एवं आरती

बुधवार का दिन भगवान गणेश को बेहद प्रिय है। इस दिन साधक श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए भगवान गणेश को दूर्वा एवं मोदक भेंट करते हैं। ज्योतिष भी व्यापार में उन्नति एवं तरक्की के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। कुंडली में बुध मजबूत रहने से व्यापार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja Vidhi) करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें। साथ ही पूजा का समापन गणेश जी की आरती से करें।
गणेश मंत्र
1. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
2. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
3. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।
4. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
5. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
भगवान गणेश की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥