कानपुर : वक्फ कानून के पक्ष में एकजुट हुए कानपुर के मुस्लिम
वक्फ कानून के पक्ष में कानपुर शहर के मुस्लिम एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि शहर में वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग नहीं हो रहा है। यतीमों, बेवाओं और गरीबों को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है। अगर नया कानून इसमें मदद करेगा, तो उन्हें इसका अधिकार मिलेगा। शहर भर में 26 सौ से ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, जिसमें 2602 सुन्नी और 72 शिया समाज की हैं। इसे लेकर अब नया कानून बन गया है। शहर में जाजमऊ, नई सड़क, बेकनगंज, अनवरगंज सहित कई क्षेत्रों में वक्फ की संपत्तियां हैं।
बेबीज कंपाउंड मामले में मुकदमा दर्ज
बेबीज कंपाउंड को बेचने के मामले में डीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। नए मुतवल्ली मो. वसीम ने पुराने मुतवल्ली की शिकायत जिलाधिकारी से जून में की थी, जिसमें उनकी तरफ से कहा गया कि पुराने मुतवल्ली ने अनवरगंज थाना अंतर्गत दलेलपुरवा स्थित बेबीज कंपाउंड को बेचने के लिए बैनामा करा लिया। जिसके बाद डीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया।
अभी कोई नया निर्देश नहीं मिला है
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद अहमद ने कहा कि सरकार जनहित की बात करेगी और वो सही होगा। वक्फ की संपत्तियों से गरीबों, यतीमों और बेवाओं का भला होना चाहिए। वहीं, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन कुमार सिंह ने कहा कि अभी कोई नया निर्देश नहीं मिला है। जैसे ही कोई निर्देश मिलता है तो उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
वक्फ का एकमात्र उद्देश्य था कि उनकी संपत्ति के जरिए यतीमों, गरीबों, बेरोजगार मुसलमानों की सेवा हो। लेकिन स्थिति इसके उलट ही हो गई। कुछ लोगों ने इसका गलत प्रयोग कर रहे हैं। अगर नए कानून से गरीब मुसलमानों को उनका अधिकार मिलता है, तो ये सही है। वाकई में ऐसे कानून बनने की जरूरत है, जिससे वक्फ का उद्देश्य पूरा हो। -अब्दुल हसीब, अध्यक्ष मुस्लिम एसोसिएशन
नए कानून में गैर मुस्लिमों को शामिल करना और भ्रष्टाचार करने पर सजा को कम कर देना सही नहीं है। इससे भ्रष्टाचार और बढ़ेगा। नए कानून में महिलाओं को शामिल करना ठीक है, और इस नए कानून से गरीबों यतीमों बेवाओं को उनका अधिकार मिले। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से और कानून के जानकारों से भी इस पर सलाह ली जाए। जिससे गरीब मुसलमानों को अधिकार मिल सके। -हाजी मो. सलीस, महासचिव ऑल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल