‘चुनाव में किसी को नहीं डालने देंगे खलल’, घाटी में जल्द होंगे इलेक्शन, EC ने दिए संकेत…

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव करवाने के संकेत दिए हैं। आयोग की टीम ने प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे पर चुनाव के लिए मौजूदा अनुकूल परिस्थितियां पाई हैं। आयोग ने साफ किया है कि चुनाव में किसी भी आंतरिक या बाहरी ताकत को खलल डालने का मौका नहीं दिया जाएगा।
आयोग जल्द नई दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों के साथ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की जरूरत और सुरक्षा समीक्षा के बाद चुनाव तिथियों पर फैसला लेगा। 19 अगस्त को संपन्न हो रही अमरनाथ यात्रा के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है। यहां शुक्रवार को आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बताया कि आयोग जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंसा और आतंकी घटनाएं चुनाव को टाल नहीं सकती हैं। ऐसी ताकतों से निपटने के लिए राज्य प्रशासन सक्षम है। जम्मू-कश्मीर के सभी दलों ने एक सुर में जल्द विधानसभा चुनाव पर जोर दिया है।
राज्य प्रशासन ने भी आश्वस्त किया है कि वह चुनाव के लिए तैयार है। लोकसभा चुनाव में मिली उपलब्धियों को विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ाना है। प्रदेश प्रशासन को सुनिश्चित करने को कहा है कि चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों को समान अधिकार दिए जाएं। राजनीतिक दलों की मांग पर राजनीतिक पदाधिकारियों की सुरक्षा की समीक्षा करके जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सभी को खुलकर राजनीतिक गतिविधियां करने का मौका दिया जाएगा, ताकि चुनाव में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी हो। इस दौरान आयोग के चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, एसएस संधु, सीईओ (मुख्य चुनाव अधिकारी) जम्मू कश्मीर पीके पोले आदि मौजूद रहे।
20 अगस्त को संशोधित मतदाता सूची होगी जारी
आयोग ने कहा, अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के साथ ही 20 अगस्त को संशोधित मतदाता सूचियों को जारी किया जाएगा। मौजूदा मतदाता सूचियों की विशेष सारांश संशोधन प्रक्रिया में सभी योग्य मतदाता नाम दर्ज करवा सकते हैं। प्रवर्तन एजेंसियों, जिला उपायुक्तों, एसपी को स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 74 सामान्य, नौ एसटी और सात एससी हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के 30 सितंबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के हैं निर्देश
सर्वोच्च न्यायालय ने 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में दस साल के अंतराल के बाद चुनाव हो रहे हैं। पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था, लेकिन जून 2018 में पीडीपी-भाजपा की गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद से चुनाव नहीं हो सके हैं।