हरियाणा : इतिहास रचने से चूके करनाल के निशांत देव

मुक्केबाज निशांत देव पुरुषों की 71 किग्रा मुक्केबाजी क्वार्टर फाइनल में मार्को अलोंसो वर्डे अल्वारेज (मेक्सिको) से हार गए हैं। अगर निशांत यह मुकाबला जीतते तो भारत के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 में चौथा पदक पक्का हो जाता। 

सेमीफाइनल में पहुंचने से चूके निशांत

पहले दो बाउट में बढ़त बनाने के बावजूद भारतीय मुक्केबाज निशांत देव पेरिस ओलंपिक में पुरुषों के 71 किग्रा के क्वार्टर फाइनल में मैक्सिको के वर्डे से हारकर बाहर हो गए। इस मुकाबले में विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता निशांत ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन बंटे हुए फैसले के आधार पर उन्हें 1-4 से हार का सामना करना पड़ा। अगर निशांत मार्को एलोन्सो वर्डे अल्वारेज के खिलाफ जीत दर्ज करने में कामयाब होते तो वे समर गेम्स में पदक जीतने वाले चौथे भारतीय मुक्केबाज बन जाते। 

चाचा से मिली प्रेरणा

निशांत का जन्म 23 दिसंबर, 2000 को हरियाणा के करनाल में हुआ। निशांत 2012 में मुक्केबाजी की तरफ मुड़े। उन्हें अपने चाचा से प्रेरणा मिली, जो पेशेवर मुक्केबाज थे। उन्हें शुरुआती प्रशिक्षण कोच सुरेंदर चौहान ने दिया। निशांत के पिता भी बेटे को मुक्केबाज बनाना चाहते थे। वह निशांत को खुद प्रशिक्षण के लिए स्टेडियम छोड़ने जाते थे और सुनिश्चित करते थे कि उनकी अच्छी तरह ट्रेनिंग हो रही है या नहीं। बाद में निशांत ने कर्नाटक के विजयनगर में इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण लिया।

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