पंजाब : 15 अगस्त तक हो सकती है पांच सिंह साहिबान की बैठक

शिरोमणि अकाली दल बादल के अंदर पैदा हुए मौजूदा राजनीतिक उठापटक को रोकने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबानों की बैठक में होने वाले फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। संभावना है कि 15 अगस्त तक पांच सिंह साहिबान इस मामले पर कोई हल निकालने के लिए बैठक बुला सकते हैं।

पांच सिंह साहिबान की ओर से बागी अकाली नेताओं की ओर से लगाए आरोपों और अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की ओर से दिए गए बंद लिफाफे के स्पष्टीकरण पर अपना क्या फैसला सुनाते हैं, इस पर ही सुखबीर सिंह बादल और अकाली दल बादल का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। हालांकि, इस मुद्दे पर बैठक बुलाने के लिए कोई दिन और समय अभी तय नहीं हुआ है। 

संभावना है कि चार अगस्त को चीफ खालसा दीवान की ओर से आयोजित किए जाने वाले कीर्तन दरबार में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर, तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुलतान सिंह के पहुंचने की संभावना है। इस दिन तीनों जत्थेदार, पांच सिंह साहिबान की होने वाली अगली बैठक संबंधी कोई फैसला ले सकते हैं।

जल्द निपटारा चाहता है अकाली दल

अकाली दल बादल के सूत्रों से पता चला है कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एसजीपीसी के अध्यक्ष को भी कहा है कि उनके स्पष्टीकरण मामले में पांच सिंह साहिबान की बैठक जल्दी आयोजित करने के लिए अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के साथ बात की जाए, क्योंकि अकाली दल बादल का नेतृत्व चाहता है कि पंजाब में विधानसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले अकाल तख्त पर दिए गए स्पष्टीकरण के मामले को निपटा लिया जाए, ताकि उप चुनावों में वोट लेने के लिए संगत के बीच जाते समय उनको किसी तरह की कोई समस्या या विरोध का सामना न करना पड़े। 

अकाली दल उपचुनाव की सभी सीटों पर लड़ने और खासकर गिद्दड़बाहा और डेराबाबा नानक सीटों पर जीत हासिल करना चाहता है, क्योंकि किसी वक्त यह दोनों सीटें अकाली दल के वर्चस्व वाली सीटें हुआ करती थीं। इन सीटों पर उपचुनाव में विजय प्राप्त करने के लिए अकाली दल दिन रात जोर लगा रहा है। इसके लिए अकाली दल ने इस इलाकों में विशेष सर्वे टीमें भी तैनात कर दी है।

साधारण सजा स्वीकार नहीं करेगा सिख पंथ

अकाली दल के पंथक गलियारा में चर्चा है कि अकाली दल बादल और उसके अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की, पांच सिंह साहिबान की होने वाली पहली बैठक में मुक्ति आसानी से होती नहीं दिखाई दे रही है, क्योंकि अब यह विवाद इतना पंथक पेचीदा हो गया है कि साधारण सजा से अकाली दल की लीडरशिप को सिख पंथ स्वीकार करने वाला नहीं है।

बिना देरी चर्चा चाहते हैं पंथक विशेषज्ञ

पंथक विशेषज्ञ तो इस मामले पर बिना देरी किए विचार किए जाने की सोशल मीडिया के माध्यम से भी चर्चा कर रहे है। वहीं, इस के साथ ही सजा सख्त दिए जाने व सुखबीर बादल को अकाली दल के अध्यक्ष पद से हटाने की भी चर्चा कर रहे है, लेकिन यह अब पांच सिंह साहिबान की बैठक में लिए जाने वाले फैसले पर ही निर्भर है कि सिख संगत अकाली दल बादल के नेतृत्व को अपने दिलों से माफ करती है या नहीं। 

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