देश का इकलौता ऐसा मंदिर, जहां स्थित है सबसे भारी शिवलिंग…

देवों के देव महादेव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। इस महीने को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। सावन के महीने में चारों तरफ उत्सव जैसा माहौल रहता है। ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। इस पूरे महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। सावन (Sawan 2024) में शिव मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। साथ ही भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि देश में भगवान शिव को समर्पित एक ऐसा भी मंदिर है, जहां सबसे भारी शिवलिंग स्थित है। मान्यता है कि इस शिवलिंग की पूजा करने से साधक को सभी तरह के रोग और परेशानियां से मुक्ति मिलती हैं। आइए, इस मंदिर के बारे में जानते हैं-  

पारदेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास (Pardeshwar Mahadev Temple)

पारदेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के सूरत में स्थित है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। ऐसा बताया जाता है कि करीब 50 वर्षों पहले मंदिर के नजदीक एक पार्क था, जिसमें देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ शिवलिंग भी विराजमान था। इसके पश्चात मंदिर का निर्माण होने के बाद सभी मूर्तियों और शिवलिंग को स्थापित किया गया। यहां रोजाना पारदेश्वर शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाता है।  

पारदेश्वर महादेव मंदिर क्यों प्रसिद्ध है (Why is Pardeshwar Mahadev Temple famous)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पारदेश्वर महादेव मंदिर में विराजमान शिवलिंग के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से साधक को कई यज्ञ का फल प्राप्त होता है। यहां अधिक सावन के महीने में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। यहां कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि दरबार में माथा टेकने के बाद कोई भी शिव भक्त खाली हाथ नहीं जाता। मंदिर में ढाई टन पारे से निर्मित विशाल शिवलिंग स्थित है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग के दर्शन करने से ज्योतिर्लिंग, चौरासी महादेव व अनंतकोटी शिवलिंग के दर्शन से प्राप्त होता है।  

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