सावन का पहला प्रदोष व्रत आज
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण व्रत और पूजा अनुष्ठान है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत हर महीने में दो बार आते हैं। पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्राचीन धर्मग्रंथ में प्रदोष व्रत को बहुत ही कल्याणकारी और शुभता का प्रतीक का माना जाता है। इस माह यह व्रत 1 अगस्त 2024, यानी आज रखा जा रहा है।
ऐसे में यदि आप इस दिन पवित्र व्रत (Guru Pradosh Vrat 2024) का पालन कर रहे हैं, तो आपको व्रत की पूजा विधि से लेकर हर चीज की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए, जिससे आपकी पूजा फलित हो सके, तो चलिए जानते हैं।
भोग – खीर और ठंडई।
फूल – कनेर
पंचाक्षरी मंत्र – ।।ॐ नम: शिवाय।।
सावन प्रदोष व्रत पूजा विधि (Sawan Guru Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)
साधक अपने दिन की शुरुआत सुबह जल्दी स्नान के साथ करें। शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके पश्चात वस्त्र समर्पण करें। फिर गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। चंदन और सिंदूर का तिलक लगाएं। फूल, माला, घर की बनी मिठाई और सूखे मेवे आदि चीजें शिव जी को अर्पित करें। प्रदोष व्रत की पूजा गोधूलि बेला के दौरान की जाती है। भक्त प्रदोष व्रत कथा का पाठ अवश्य करें और महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
आरती से पूजा को समाप्त करें। पूजा संपन्न होने के बाद भोग प्रसाद परिवार के सदस्यों में वितरित करें। प्रदोष के दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। इस दिन प्याज, लहसुन, अंडे, मांस और शराब का सेवन सख्त वर्जित है।
शुभ योग (Sawan Guru Pradosh Vrat 2024 Shubh Yog)
गुरु प्रदोष व्रत पर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से लेकर 03 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। फिर निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही हर्षण योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से हो रहा है। साथ ही आज शिववास योग भी दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इन योग को पूजा-पाठ और नए कार्यों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।