लैंडस्लाइड क्यों होता है, केरल के वायनाड में जिसने मचाई तबाही

केरल के वायनाड में लगातार भारी बारिश हो रही है। इसके चलते मंगलवार तड्के चार अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई, जिसमें चार गांव – मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बह गए। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। अब तक 45 लोगों की जान जा चुकी है और 100 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हैं। 250 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर रही हैं। वहीं कन्नूर से सेना के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है, जिनमें मेडिकल टीम भी शामिल है। एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं।
पांच याल पहले यानी 2019 में भी इन्हीं गांवों- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई थी, जिसमें 52 घर तबाह हुए थे। 17 लोगों की मौत हुइ और पांच आज तक लापता हैं।
IMD का अलर्ट, रेस्क्यू में आ सकती है दिक्कत
मौसम विभाग (IMD) ने आज भी वायनाड, कोझिकोड, मल्लपुरम और कसारागोड में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मतलब यहां आज भी तेज बारिश होने का अनुमान है। अगर तेज बारिश होती रही तो रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।
लैंडस्लाइड (भूस्खलन ) क्या है और किन कारणों से होता है? इससे क्या-क्या नुकसान होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है? देश में हर साल लैंडस्लाइड कितनी घटनाएं होती हैं? ऐसे ही कई सवालों के जवाब यहां जानिए…
लैंडस्लाइड क्या है?
लैंडस्लाइड एक प्राकृतिक आपदा या फिर ये कहिए – भूवैज्ञानिक घटना है, जो धरातली हलचल के कारण होती है। पहाड़ी क्षेत्रों से ढलानों, चट्टानों की मिट्टी, चट्टान और कीचड़ -मलबा का अचानक तेज बहाव आता है या नीचे गिरते व खिसकते हैं तो इसे लैंडस्लाइड कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर भारी बारिश, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण होती है।
गूगल ट्रेंड में लैंडस्लाइड
लैंडस्लाइड के क्या कारण हैं?
लैंडस्लाइड कई कारणों से होता है। इनमें प्राकृतिक घटनाएं और मानवीय हस्तक्षेप दोनों शामिल हैं। सबसे बड़ी वजह वनों की अंधाधुंध कटाई को माना जाता है। विकास के नाम पर जंगल काटे जा रहे हैं। पेड़-पौधों की कटाई और कम होते जंगल से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है।
चट्टानों की पकड़ ढीली हो जाती है, जिस कारण भी लैंडस्लाइड होता है। बता दें कि पेड़ों की जड़ें मिट्टी और चट्टानों को बांधने में मदद करती हैं। इसके अलावा भूकंप और मूसलाधार बारिश के चलते भी लैंडस्लाइड होता है।
देश-राज्यों में पढ़ा और खोजा जा रहा है लैंडस्लाइड
भारी बारिश: लगातार तेज बारिश होने से मिट्टी गीली हो जाती है और ढलानों पर मिट्टी कमजोर हो जाती है। मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता कम हो जाती है, तो पानी का दबाव बढ़ जाता है और ढलान कमजोर होकर खिसक जाते हैं, जो नीचे आकर तबाही मचाते हैं।
भूकंप: जब तेज भूकंप आता है तो भूमि की स्थिरता प्रभावित होती है, जिससे ढलान खिसकने लगते हैं। इसके अलावा, जहां ज्वालामुखी विस्फोट होता है, वहां विस्फोट से निकलने वाली राख और लावा ढलानों की संरचना कम करता है तब भी लैंडस्लाइड होता है।
मानवीय गतिविधियां: विकास के नाम पर पहाड़ी क्षेत्रों में वनों की कटाई कर निर्माण कार्य और खनन करना करने के चलते भी भूमि की स्थिरता प्रभावित होती है, जिससे लैंडस्लाइड होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा,ढलान के ऊपर मौजूद भारी सामग्री भी गुरुत्वाकर्षण के कारण खिसक सकती है।