कानपुर: विजिलेंस कर सकती है फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच
फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच पुलिस की विजिलेंस टीम कर सकती है। पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर बुधवार को विजिलेंस अफसरों को पत्र लिखा है। दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले में प्रदेश के कई जिलों के लोग शामिल हैं, इसलिए विजिलेंस विभाग भी प्रकरण को संज्ञान में लेकर जांच करे। पहले भी प्रदेश में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के प्रकरण सामने आ चुके हैं।
शहर में नौ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले में पुलिस पिता-पुत्र समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इस मामले में पुलिस पूर्व डीआईओएस के साथ ही बाबुओं को आमने-सामने बैठाकर बयान दर्ज करना चाहती थी, लेकिन पूर्व डीआईओएस मुन्नीलाल व बाबू सुशील कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला एवं सत्र न्यायधीश की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। पुलिस के मुताबिक इस याचिका पर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में प्रकरण की जांच विजिलेंस विभाग से कराए जाने की बात कही है। विवेचक ने इस संबंध में जारी हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त कर लिया है। पुलिस के मुताबिक हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि पूर्व में भी शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें प्रदेश के कई जिलों के लोग हैं। इसलिए विजिलेंस विभाग भी प्रकरण को संज्ञान में लेकर जांच करे।
विजिलेंस विभाग को भेजा पत्र
हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले की जांच के लिए विजिलेंस विभाग को पत्र भेजा है। हाईकोर्ट के इस आदेश में शहर में नौ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले को अलग रखा गया है।- महेश कुमार, एडीसीपी कर्नलगंज
यह था मामला
वाराणसी की रिक्षा पांडेय, मिर्जापुर की विनीता देवी व आशीष कुमार पांडेय, मुजफ्फरनगर के नितिन कुमार, प्रयागराज के विनय सिंह व स्वाति द्विवेदी, मेरठ की ज्योति यादव व विनीत चौधरी के साथ ही सीतापुर के अरविंद सिंह यादव को फर्जी तरीके से भर्ती कराने का प्रयास किया गया था। मामले में मिर्जापुर के कॉलेज संचालक दिनेश पांडेय, मिर्जापुर के ही एक अन्य कॉलेज के लैब टेक्नीशियन अभिनव त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सेवानिवृत्त लिपिक लाल सिंह, चयन बोर्ड कार्यालय प्रयागराज में कार्यरत संविदाकर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर शिवम विश्वकर्मा और ढुकरी नवाबगंज के विवेक द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले महेंद्र पांडेय और उसके पुत्र प्रकाश पांडेय निवासी वाराणसी को भी जेल भेजा गया था।
पूर्व डीआईओएस व बाबू की याचिका पर सुनवाई 29 को
पूर्व डीआईओएस मुन्नीलाल और बाबू सुशील कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई 29 जुलाई को होनी है। इसमें पुलिस अर्जी निरस्त कराने के लिए कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। मामले में 19 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने दोनों की अग्रिम जमानत अर्जियों को खारिज कराने के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखा था।