पाकिस्तान की ‘बैट’ टीम जो जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की कर रही मदद

पाकिस्तान की ‘बॉर्डर एक्शन टीम’ यानी बैट का घिनौना चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पाकिस्तान के ये कमांडों सेना और प्रशिक्षित आतंकियों की टुकड़ी है जो भारतीय सीमा में घुसपैठ कर अपनी करतूतों को अंजाम देती है। पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को कवर देती है। बैट को बेहद क्रूर बनाने के लिए पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स उन्हें खास ट्रेनिंग देती है। आइए हम बताते हैं आपको बैट से जुड़ी अहम बातें…

बैट एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर होती है जो पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के साथ मिलकर काम करती है। कहा जाता है कि आईएसआई इनको खुफिया सूचनाएं मुहैया कराती है।

बैट को प्रशिक्षण इस तरह दिया जाता है ताकि वह क्रूरता की कोई भी हदें पार कर सकें। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, बैट आतंकियों को मुर्गे की गर्दन दांतों से काटनी होती है, उसका खून भी पीना होता है। उन्हें कच्चा मांस खिलाया जाता है।

बैट एके-47 राइफल, स्विटरलैंड की बने ‘स्नो क्लोथिंग’ खास बूट का इस्तेमाल करते हैं।

पाकिस्तानी सेना बैट में आतंकियों का इस्तेमाल इसलिए करती है कि अगर वह भारत के हत्थे भी चढ़ जाते हैं तो पाकिस्तानी सेना उन्हें स्वीकार करने से आसानी से मना कर देती है।

बैट जब ऑपरेशन के लिए भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करती है तो उसके पास ये खास चीजें होती हैं- हाई एनर्जी फूड, सेटेलाइट फोन, डिजिटल नेविगेशन कॉन्सोल, शोर्टगन (ताकि मौत के बजाय गहरे जख्म दिए जा सके) और स्पोर्ट जीएपीएस।

बैट बेहद प्लानिंग के बाद ही ऑपरेशन को अंजाम देती है , हालांकि पाकिस्तान ने इसे केवल इस मकसद से बनाया हुआ है कि यह सीमा को पार कर छोटे-मोटे कामों को अंजाम दे।

जानकार बताते हैं कि बैट (एसएसज+आतंकी) भारत के स्पेशल कमांडो मार्कोस और ब्लैक कैट की तरह ही अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।


बैट के लड़ाकों को प्रशिक्षण देने का काम स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) करती है। बैट आतंकियों की ट्रेनिंग करीब 8 महीनों को होती है।

एसएसजी बैट आतंकियों को पाकिस्तानी एयरफोर्स से चार हफ्तों की हवाई युद्ध की भी ट्रेनिंग दिलाती है।


पाक फौज की खूनी टुकड़ी के तौर पर कुख्यात बैट सीमा के भीतर एक से तीन किलोमीटर भीतर तक हमलों को अंजाम देती है।

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