आज मनाई जा रही है सावन माह की पहली कालाष्टमी, ऐसे करें शिव जी के उग्र स्वरूप की पूजा

हिंदू धर्म में कालाष्टमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के आठवें दिन मनाया जाता है। इस माह यह (Kalashtami 2024) 28 जुलाई, 2024 यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं।

साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वहीं, अगर आप किसी भी प्रकार के भय और संकट से घिरे हुए हैं, तो आपको इस दिन का उपवास अवश्य रखना चाहिए। साथ ही भोलेनाथ के इस उग्र स्वरूप की पूजा विधि अनुसार करनी चाहिए।

कालाष्टमी पूजा विधि (Kalashtami Puja Vidhi)
कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद अपने मंदिर को साफ करें। फिर एक वेदी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। उनका पंचामृत से अभिषेक करें। प्रतिमा को साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इत्र लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

फल, मिठाई, घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भाव के साथ पाठ करें। आरती से अपनी पूजा समाप्त करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं और उनकी मदद करें।

काल भैरव पूजन मंत्र
ओम भयहरणं च भैरव:
ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय। कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा

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