सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के बाद दुकानों पर उमड़ी ग्रहाकों की भीड़
सरकार ने सोना-चांदी (gold, silver) और प्लैटिनम पर आयात शुल्क (Import duty) में कटौती की है, जिससे इनकी कीमतों में कमी आई है। इस निर्णय के बाद से देश भर में सोने-चांदी की दुकानों पर बे-मौसम की भीड़ उमड़ पड़ी है और सोना-चांदी की मांग में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिल रही है। स्थिति तो ऐसी है कि सुबह दुकान खुलने से लेकर रात में दुकान समेटने तक ग्राहकों का तांता लगा हुआ है। यहां तक कि ज्वैलर्स अपने कारीगरों की छुट्टी कैंसिल कर थोक भाव में नए गहने गढ़वा रहे हैं।
शादी और त्योहारी सीजन के लिए अभी से खरीदारी
इस समय सावन का महीना चल रहा है और इसके बाद भादो आएगा। भारत में आमतौर पर सावन और भादो में शादी या कोई अन्य शुभ कार्य नहीं होते। इन दो महीनों के बाद त्योहारी और शादी-ब्याह का मौसम शुरू होता है लेकिन लोग अभी से ही शादी और त्योहारी सीजन के लिए सोना-चांदी खरीद रहे हैं। बजट में सोने की आयात ड्यूटी में कटौती के बाद सोना प्रति 10 ग्राम 4,000 रुपए सस्ता हो गया है। चांदी भी प्रति किलो करीब 5,000 रुपए सस्ती हुई है।
लोगों को डर है कि दो महीने बाद फिर से सोने-चांदी की कीमतें न बढ़ जाएं, इसलिए वे अभी से खरीदारी कर रहे हैं। इस कारण सोने की खरीदारी में तेजी आई है।
दुकानों पर उमडी खरीदारों की भीड़
मुंबई के आभूषण (Jewelry) केंद्र कहे जाने वाले जवेरी बाजार की दुकानों पर आने वाले ग्राहकों की तादाद में 60 से 70 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। सरकार ने गोल्ड बार पर सीमा शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है, जबकि गोल्ड डोर पर अब महज 5.35 फीसदी सीमा शुल्क लगता है। इसी प्रकार चांदी बार पर सीमा शुल्क को घटाकर 6 फीसदी और चांदी डोर पर 5.35 फीसदी कर दिया गया है।
दिल्ली के आभूषण बाजार में भी यही स्थिति दिखी। बजट से पहले दिल्ली की आभूषण दुकानों पर शायद ही कोई ग्राहक आता था, मगर अब दुकानों पर ग्राहकों की तादाद में करीब 50 फीसदी बढ़ गई है।
कारीगरों की छुट्टी रद्द
दुकानों में बिक्री बढ़ने के साथ ही ज्वेलर्स ने कारीगरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। ज्वेलर्स को उम्मीद है कि इस त्योहारी सीजन में भी यह तेजी बनी रहेगी। भारत ज्वेलरी और सिक्के बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले लगभग सभी सोने का आयात करता है। मुंबई के ज्वेलरी हब ज़वेरी बाज़ार के एक रिटेलर, उमेदमल तिलोकचंद ज़ावेरी के मालिक कुमार जैन ने कहा, “मांग में अचानक आई तेजी को पूरा करने के लिए हमने अपने कारीगरों की अगले सात दिनों के लिए छुट्टियां रद्द कर दी हैं।”