बांग्लादेश से लाईं जा रहीं युवतियों का ट्रेनिंग सेंटर बना कानपुर
कानपुर में कल्याणपुर से पकड़ी गई बांग्लादेशी युवती नाजमा से पूछताछ में बांग्लादेश से दिल्ली और देश के अन्य शहरों के बीच चल रहे मानव तस्करी के काले कारोबार और कानपुर को बतौर ट्रेनिंग सेंटर इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। पता चला है कि हर साल सैकड़ों लड़कियां बांग्लादेश से घरेलू काम के नाम पर भारत पहुंचाई जा रही हैं।
दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में एंट्री ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की सख्ती के चलते लड़कियों को कानपुर लाकर कुछ समय के लिए रखा जाता है। यहां घरेलू कामकाज की ट्रेनिंग लेती हैं। इस बीच वह अपनी नई पहचान और दस्तावेज बनने व नौकरी मिलने का इंतजार करती हैं। इसके बाद ज्योति निषाद जैसी युवतियों को उन्हें एजेंसियों तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा जाता है।
दरअसल, नाजमा ने पूछताछ के दौरान अधिकारियों को बताया कि पकड़ी गई दिल्ली निवासी ज्योति निषाद एक ऐसी ही एजेंसी के साथ जुड़ी हुई है। पकड़े जाने वाले दिन वह दिल्ली ले जाने के लिए ही कानपुर आई थी, जहां उसे नए नाम व नई पहचान से जुड़े दस्तावेज के साथ काम दिलाया जाना था। हालांकि उससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
नई पहचान के साथ अलग-अलग शहरों में रह रही हैं युवतियां
सूत्रों की मानें, तो पूछताछ में ऐसी कई युवतियों का पता चला है कि जो इसी तरीके से भारत में दाखिल हुई और अब नई पहचान के साथ देश के अलग-अलग शहरों में रह रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि दूसरे देश से आने वाली महिलाओं का इस्तेमाल हनी ट्रैप से लेकर किसी भी तरह की गतिविधि के लिए हो सकता है। साथ ही ऐसे रास्ते का दुरुपयोग देश विरोधी गतिविधि के लिए होने का खतरा है, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। वहीं, देह व्यापार के एंगल से भी जांच की जा रही है।
एजेंसियां बनवा रही फर्जी आधार
सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि दिल्ली की एजेंसियां ही इन युवतियों की फेंक आईडी बनवा रही है। साथ ही मोटा कमीशन लेकर घरों में कामकाज के लिए इन्हें भेजा जाता है। पकड़ी गई बांग्लादेशी युवती अखीमुंशी उर्फ मधू सिंह के पास भी आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुआ है। पुलिस ने पैन और आधार बनने की जांच कर रही है।
अखीमुंशी और नाजमा से पूछताछ की गई है। कुछ जानकारियां मिली हैं जिन्हें तस्दीक करने के लिए पुलिस की टीम कोलकाता, दिल्ली जाएगी। अखीमुंशी से भी पूछताछ की जा रही है। -विजय ढुल, डीसीपी पश्चिम