Rajasthan के इस गांव में दिखती है तेंदुए और इंसान की अनोखी दोस्ती
धरती पर आज भी ऐसी जगहें मौजूद हैं, जहां लोग सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, बल्कि जंगली शीर्ष शिकारियों (Apex predators) के साथ भी खुशी-खुशी रह रहते हैं। हम बात कर रहे हैं, राजस्थान के पाली जिले (Pali District) की जिसमें Falna, Dantiwara, Bera और Jawai जैसे इलाके रबारी (Rabari) समुदाय का बसेरा हैं। यहां तेंदुओं की मौजूदगी भेड़ियों और लकड़बग्घों की आबादी को काबू में रखती है, जो रबारी कम्युनिटी के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते थे। रबारी समुदाय को पहचानने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। चमकदार लाल पगड़ियां ही इन लोगों का पता बताने के लिए काफी होती हैं।
तेंदुओं के लिए परफेक्ट हैबिटेट
अकेले जवाई (Jawai) में ही करीब 60 से ज्यादा Cave Leopards रहते हैं, खास बात है कि वह भी सिर्फ एक छोटे-से इलाके में। कई बार तो ये तेंदुए लोगों की छत पर बैठे दिखे हैं और कई बार यहां के लोगों ने लेपर्ड के मुंह से बकरी को भी छुड़ाया है। देखा जाए, तो इनकी नस्ल के बढ़ने और कायम करने के हिसाब से ये एकदम सही हैबिटेट है। कहा जा सकता है कि ये एक Leopard Country है।
यहां अलग है जिंदगी जीने का उसूल
आपको भी मालूम होगा, कि जिंदगी जीने का एक ही उसूल है- खतरा देखते ही जितना दूर भाग सकते हो, बस भाग लो! लेकिन रबारी समुदाय इस उसूल से कोसों दूर हैं। इस लेपर्ड-रबारी भाई-भाई के चलन के पीछे कुछ अलग-सी ही आस्थाएं हैं। लोगों का मानना है कि तेंदुए गांव की रक्षा करते हैं और बुरी बला से बचाते हैं।
जंगल सफारी के लिए भी फेमस है ये गांव
अरावली के पहाड़ियों के बीच बसा बेरा गांव अपनी जंगल सफारी के लिए भी मशहूर है और आप आसानी से यहां विजिट कर सकते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि भारत अपने जंगली जानवरों को सहेजने और बचाए रखने में काफी मशक्कत करता है और रबारी के दिलों में इन खूबसूरत जानवरों के लिए एक खास जगह है, जहां ज्यादातर दुनिया इन्हें देखकर बुरी तरह डर जाती है, वहीं राजस्थान के इस छोटे-से जिले के लोग इनके साथ भाईचारे से जीते हैं।