कदम-कदम पर गड्ढे, दाएं-बाएं नहीं नीचे रखना कांवड़ियो अपनी नजर; अतिक्रमण बनेगा रास्ते की मुसीबत

दिल्ली में कांवड़ यात्रा का काउंट डाउन शुरू हो गया है। सड़क किनारे शिव भक्तों का स्वागत करने के लिए शिविर भी सज रहे हैं। लेकिन कांवड़ियों का सफर आसान नहीं दिख रहा है। खासतौर पर उत्तर पूर्वी दिल्ली में, जहां कांवड़ियों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। सड़क पर कदम-दर-कदम गड्ढों की भरमार है। अतिक्रमण भी इसमें पूरा भागीदार है। शनिवार अमर उजाला की टीम ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के उन रास्तों का मुआइना किया, जिनसे होकर कांवड़िए गुजरते हैं। इन रास्तों पर कदम-कदम पर खामियां नजर आईं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के दो मार्गों से ज्यादातर कांवड़िए गुजरते हैं। पहला जीटी रोड पर अप्सरा बॉर्डर-शाहदरा फ्लाईओवर-सीलमपुर टी प्वाइंट-आईएसबीटी फ्लाईओवर और दूसरा भोपुरा बॉर्डर-वजीराबाद रोड–लोनी फ्लाईओवर, गोकुलपुरी टी प्वाइंट शामिल है। दोनों रास्तों पर कांवड़ियों के लिए टेंट आदि की व्यवस्था की जा रही थी। लेकिन सड़कों की स्थिति ठीक नहीं मिली। जीटी रोड पर कई जगह गड्ढे दिखे, वहीं सड़क का एक हिस्सा काफी दूर तक खराब है साथ में सड़क पर अतिक्रमण की स्थिति भी विकराल है। अभी तक अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
दाएं या बाएं नहीं, नीचे देखकर रखना होगा अगला कदम…
दिलशाद गार्डन बॉर्डर से शाहदरा की ओर प्रवेश करते ही कांवड़ियों का सड़कों पर मौजूद गड्ढों से सामना करना होगा। अभी सड़क को देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि सड़क पर गड्ढे हैं या फिर गड्ढों पर सड़क है। ऐसे में दाएं और बाएं से गुजर रही गाड़ियों के साथ-साथ कांवड़ियों को अगला कदम रखने से पहले जमीन पर भी नजर रखनी पड़ेगी।
अतिक्रमण बनेगा मुसीबत…
भोपुरा बॉर्डर से वजीराबाद रोड पर लोनी फ्लाईओवर होते हुए गोकुलपुरी टी प्वाइंट और उससे आगे के रूट पर अतिक्रमण और जर्जर सड़क कांवड़ियों की मुसीबत बनेगी। इस रूट के काफी हिस्से पर मेट्रो का निर्माण कार्य भी चल रहा है। सड़क पर चल रही गाड़ियों के साथ-साथ राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि अतिक्रमण इतना है कि फुटपाथ विलुप्त हो चुका है। ऐसे में हर समय इस क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रहती है, जो कांवड़ यात्रा के दौरान विकराल हो सकती है।
नंगे पैरों को नहीं लुभाएगी नुकीली सड़कें…
जगह-जगह गड्ढे, अतिक्रमित सड़कें, निर्माणाधीन कच्चे रास्ते हैं। यह स्थिति है दिल्ली की सड़कों की, जहां से कुछ दिनों में कांवड़ यात्रा गुजरेगी। यहां सड़कों के किनारे कावड़ियों के लिए जगह जगह पर अतिरिक्त कच्ची सड़कें बनाई गई हैं। राहगीर मनोज ने बताया कि इनमें मौजूद नुकीले कंकड़ राहगीरों को चप्पल पहनकर भी चुभते हैं। ऐसे में बेखौफ होकर नंगे पैर चलने वाले कांवड़ियों के पैरों को ये सड़क बिल्कुल नहीं लुभाएगी।
20 लाख कांवड़ियों के दिल्ली पहुंचने का है अनुमान…
एक अनुमान के मुताबिक, इस बार 20 लाख के करीब कांवड़ियों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। 26 जुलाई से कांवड़ यात्रा में भीड़ बढ़ सकती है। दिल्ली से होते हुए लाखों की तादाद में कांवड़िये हरियाणा, राजस्थान की ओर जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित यमुनापार के क्षेत्र होते हैं। दिल्ली यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस द्वारा 23 अगस्त तक की तैयारी की गई है और रूट प्लान के लिए दिल्ली पुलिस ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के साथ बैठकर कांवड़ यात्रा और उनकी सुरक्षा व्यवस्था समेत अन्य मसलों पर विस्तार से चर्चा की है।
पुलिस रूट पर बनाएगी 200 से अधिक शिविर…
पुलिस अधिकारी ने बताया कि कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए करीब 200 शिविर बनाए जाएंगे। जहां से सीसीटीवी के माध्यम से रूट पर चलने वाले हर गतिविधियों, लोगों और कांवड़ियों पर नजर रखी जा सके और जरूरत पड़ने पर उचित मदद की जा सके। इसके साथ ही करीब 2000 पुलिसकर्मी, करीब 15 कंपनी आउट साइड फोर्स के जवानों को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर अर्ध सैनिक बलों की और ज्यादा तैनाती बढ़ाई जा सकती है।
दिल्ली के इन रूट से गुजरेंगे कांवड़िये…
-अप्सरा बॉर्डर-शाहदरा फ्लाईओवर-सीलमपुर टी प्वाइंट-आईएसबीटी फ्लाईओवर
-भोपुरा बॉर्डर-वजीराबाद रोड–लोनी फ्लाईओवर, गोकलपुरी टी प्वाइंट
-महाराजपुर बॉर्डर-रोड नंबर 56, गाजीपुर बार्डर-एन एच 24-रिंग रोड-मथुरा रोड
-कालिंदी कुंज-मथुरा रोड-बदरपुर बॉर्डर।
-कालिंदी कुंज-मथुरा रोड-मोदी मिल-मां आनंद माई मार्ग-एम.बी मार्ग।
-न्यू रोहतक रोड-कमल टी प्वाइंट से टिकरी बॉर्डर।
-नजफगढ़ रोड-जखीरा से नजफगढ़ तक।