बच्चे की परवरिश में नहीं छोड़ना चाहते कोई कसर…
बच्चे के जन्म से लेकर उसके बड़े होने तक, या कहें कि उसके बाद भी उसकी हर एक आदत के लिए समाज में माता-पिता को ही दोषी ठहराया जाता है। अगर बच्चा एक अच्छा इंसान बनता है तो सबसे ज्यादा गर्व मां-बाप को ही होता है, लेकिन अगर वह बच्चा कोई जुर्म कर देता है, तो लोगों के सबसे ज्यादा ताने भी मां-बाप को ही सुनने पड़ते हैं।
आपकी परवरिश में बेशक कोई कमी न हो, लेकिन वक्त की मांग ही कुछ ऐसी है कि पुराने जमाने में बच्चों की परवरिश के लिए अपनाए जाने वाले तौर-तरीके आज किसी काम नहीं आते हैं। ऐसे में, आज हम आपको मॉडर्न पैरेंटिंग के 5 तरीके बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को अच्छे गुण दे सकते हैं। आइए जानें।
वक्त देना है जरूरी
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों को समय देना बेहद जरूरी है। स्ट्रेस से जूझ रही इस पीढ़ी को सबसे ज्यादा शिकायत इस बात की रहती है कि माता-पिता उन्हें रोकते-टोकते तो हैं, लेकिन कभी तसल्ली से बैठकर मन का हाल जानने की कोशिश नहीं करते। ऐसे में, आप अपने बिजी शेड्यूल में उनके लिए रोजाना थोड़ा वक्त जरूर निकालें।
बाउंड्री सेट करें
अक्सर देखने को मिलता है कि बच्चे की किसी गलती पर मां-बाप में से एक उसे डांट लगाता है, तो दूसरा उसे बचाने की कोशिश करता है। ऐसे में, आपको बता दें कि यह तरीका बिल्कुल गलत है। मां-बाप के तौर पर आप दोनों को बच्चे से जुड़े फैसले पर एक साथ रहना होगा, जिससे उसे ऐसा न लगे कि डांटने वाला मुझे प्यार ही नहीं करता है।
रोल मॉडल बनें
कहा जाता है कि बच्चे की परवरिश में सबसे बड़ा योगदान मां-बाप का ही होता है। ऐसे में, इस बात का ध्यान रखें कि आप उन्हें जिस चीज के लिए मना कर रहे हों, उसे आप भी गलती से न दोहराएं। सीधे शब्दों में समझें, तो बच्चों के सामने रोल मॉडल बनने का प्रयास करें, जिससे वे आपसे अच्छी आदतें ही सीखें।
लाड-प्यार का जान लें तरीका
मॉडर्न पीढ़ी को हैंडल करने के लिए माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि लाड-प्यार के साथ-साथ डांट और डर भी जरूरी होता है। अक्सर देखा जाता है कि दोनों में से किसी भी एक चीज के कम या ज्यादा होने पर बच्चे जिद्दी और अड़ियल बन जाते हैं। ऐसे में, लाड-प्यार में बैलेंस बनाए रखें और बच्चों को सही-गलत का फर्क समझाने की कोशिश करें।
सिर्फ मां नहीं है जिम्मेदार
पुराने जमाने में माना जाता था कि बच्चे में संस्कार आए हैं, वह सब मां के कारण ही हैं और उनकी परवरिश का असल जिम्मा भी मां के कंधों पर ही है। ऐसे में, आपको बता दें कि आज ऐसा बिल्कुल नहीं है। मॉडर्न पेरैंटिंग में कहा जाता है कि जब बच्चे के पैदा होने में मां और बाप दोनों का योगदान रहता है, तो उसे अच्छा इंसान बनाने की जिम्मेदारी भी अकेले मां की नहीं है। इसलिए पैरेंट्स को आपसी सलाह से बच्चे को लेकर अपने-अपने काम जरूर बांट लेने चाहिए।