गहलोत बोले- राजस्थान और छत्तीसगढ़ सीएम के बयानों में विरोधाभास

कोयले को लेकर राजस्थान सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच हुए कोयला आवंटन को लेकर बयानों का सिलसिला शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा कि यह बेहद ही आश्चर्यजनक है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल जी दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोल फील्ड में संचालित परसा इस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है, पर आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि ऐसी कोई बात ही नहीं है।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता को इसकी सच्चाई बताई जानी चाहिए। क्या दोनों मुख्यमंत्रियों को अधिकारी इस मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं या दोनों मुख्यमंत्री मिलकर अपने-अपने राजनीतिक हितों के अनुरूप जनता को गुमराह कर रहे हैं। बिजली जैसे जरूरी मुद्दे पर दोनों सरकारों को संवेदनशील होने की आवश्यकता है पर इस तरह की भ्रम फैलाने वाली राजनीति से किसका भला होगा? जिसका जवाब देते हुए राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने लिखा कि पीईकेबी की 91 हेक्टेयर भूमि की साइट क्लीयरेंस अनुमति 12/12/23 को दी गई थी। इसमें से 26 हेक्टेयर भूमि 19/1/24 को तथा 30 हेक्टेयर भूमि 22/3/24 को राजस्थान सरकार को सौंप दी गई, जिससे प्रतिदिन नौ रेक कोयला मिल रहा है। इसके लिए हमने धन्यवाद व्यक्त किया था। शेष 34 हेक्टेयर के लिए भी क्लीयरेंस दे दी गई है तथा हमें आशा है कि यह जमीन भी जल्दी ही प्राप्त हो जाएगी। कुछ बिंदु जो अभी भी लंबित हैं और छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री उनके बयान में इन्हीं अनुरोधों के पूर्ण न होने की ओर इशारा कर रहे थे।

छत्तीसगढ सरकार व राजस्थान सरकार मिलकर जन कल्याण में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की है, परंतु दुर्भाग्यवश, आप (अशोक गहलोत) राजस्थान में असफल विपक्ष के रूप में मिथ्या प्रचार के माध्यम से प्रदेश में नकारात्मकता का वातावरण निर्मित कर रहे हैं। यह विचारणीय तथ्य है कि आपके शासनकाल में राजस्थान विद्युत अभाव के कारण अंधकारग्रस्त रहा। परंतु वर्तमान में जब हमारी सरकार अबाधित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है, तब वे निम्न स्तर की राजनीति का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अशोभनीय, निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।

छतीसगढ़ सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीक़े से जो हमें सहयोग किया गया, हमारे द्वारा राजस्थानी परम्परा के अनुसार धन्यवाद दिया गया। परंतु विपक्ष द्वारा अपनी आदतन झूठ फैलाकर प्रदेश की जनता को गुमराह किया जा रहा है, वो अतिनिंदनीय है। बिजली विभाग के अनुसार, प्रदेश को बाहर से बिजली नहीं लेनी पड़ रही है, हालांकि अभी बिजली की डिमांड भी कम है। बिजली उत्पादन निगम के डायरेक्ट कजोड मीणा  के द्वार तीन बार फोन करने पर भी संपर्क नहीं हो पाया है।

Back to top button