उज्जैन: 800 साल की संत परंपरा का उत्सव उज्जैन में शुरू
महाराष्ट्र का प्रसिद्ध उत्सव है पंढरपूर यात्रा या जिसे दिंडी इस नाम से भी जाना जाता है, जो सामाजिक समरसता का अनूठा और अद्भुत उदाहरण है। जिसमें जात-पात, पंथ-धर्म, ऊंच-नीच, वृद्ध-युवा, पुरुष-महिला ऐसा कोई भी भेद नहीं रहता है। लगभग 800 साल की संत परंपरा का यह आयोजन इस वर्ष उज्जैन में भी प्रतीकात्मक रूप से प्रारंभ किया गया। उज्जैन चूंकि धार्मिक नगरी के नाम से विख्यात है अत: समग्र हिंदू समाज के बैनर पर आयोजित इस उत्सव में बड़ी संख्या में सभी समाजजन, समाज प्रमुख, सामाजिक संगठन और संत जन शामिल हुए थे।
शहीद पार्क से दिंडी यात्रा का आयोजन हुआ जिसमें भक्तजन पूरे रास्ते जय जय रामकृष्ण हरी, जय हरी विट्ठल, विट्ठल विट्ठल और पांडुरंग भगवान के अभंग और भजन गाते हुए निकले। यात्रा शहीद पार्क से प्रारंभ हुुई और गजानन महाराज मंदिर सेठीनगर पर समाप्त हुई। यात्रा में प्रमुख रूप से ज्ञानदासजी महाराज संत दादूराम आश्रम, मौनीश्री महाराज रामानंद आश्रम, स्वस्तिक पीठाधीश्वर डॉ. अवधेशपुरी महाराज, प्रांत समरसता संयोजक, मुकेश दिसावल, पूर्व निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत, पूर्व महापौर मीना जोनवाल, रोडमल राठौर, चिंतामण राठौर, अमर दिसावल, शेखर दिसावल, श्रीपाद जोशी, विश्वास घोडगांवकर, भागवत धर्म सेवा न्यास के अध्यक्ष मुकूंद गोखले प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
श्री विट्ठल पंढरीनाथ महाराजजी को अर्पित किए 56 भोग
श्री विट्ठल पंढरीनाथ महाराजजी के जन्मोत्सव पर तृप्ति परिसर नानाखेड़ा में कीर्तन का आयोजन हुआ। श्री विट्ठल पंढरीनाथ महाराजजी को 56 भोग अर्पित किए गए साथ ही प्रसादी वितरण हुआ। देवशयनी एकादशी विशेष पर्व पर हुए इस आयोजन में महाकाल मंदिर धर्मस्व पुजारी विपिन शर्मा (लल्ला गुरु), नीतू शर्मा, अनिता शर्मा, आशीष शर्मा, रुद्राक्ष शर्मा, अनंत नारायण शर्मा, गोविंद शर्मा, सुभाष शर्मा, मुकेश शर्मा, दीपक शर्मा, जयस शर्मा, टोनी गुरु, लोकेश विराज, केशव गोस्वामी, भोला नागर, शिल्पा शर्मा, भारती शर्मा, रामचंद्र शर्मा, द्वारका शर्मा, शिवांश भार्गव, किरण भावसार, दीपक जोशी और श्री विट्ठल पंढरीनाथ महाराज भक्त मंडली आदि द्वारा प्रभु श्री विट्ठल पंढरीनाथ महाराज जी की पूजन अर्चना कर जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।