पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई पहल, विवाह के बाद दूल्हा-दुल्हन ने पौधे रोपकर नवजीवन की शुरुआत की
जिले के लालसोट में आयोजित एक वैवाहिक आयोजन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति उत्सुकता देखने को मिली, जहां वैवाहिक कार्यक्रम में आए तमाम अतिथियों को पर्यावरण संरक्षण एवं देखभाल की जिम्मेदारी के साथ पौधे उपहार में दिए गए। इतना ही नहीं दूल्हा-दुल्हन ने एक साथ गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करते ही वैवाहिक स्थल पर पौधरोपण कर वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया।
सरकारों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के कार्यक्रम तो आमतौर पर चलाए जाते रहे हैं लेकिन दौसा जिले के लालसोट में एक शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन द्वारा पर्यावरण को बचाने की ललक देखने को मिली। जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय सहभागिता निभाने वाले अनुराग सेवा संस्थान के संस्थापक सियाराम शर्मा के पुत्र के विवाह समारोह में आए अतिथियों के साथ ही दूल्हा-दुल्हन ने पारिजात व गुड़हल का पौधा लगाकर वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया।
पौधारोपण के बाद इनकी देखभाल जिम्मेदारी श्याम सरोवर के व्यवस्थापक मुकेश सैनी ने ली। शादी समारोह के दौरान पर्यावरण संरक्षण का महत्व और आने वाले कल को सुरक्षित रखने के लिए विवाह के पारंपरिक उपहारों से परे मेहमानों को उपहार में एक-एक पौधा दिया। इसके साथ ही उन्होंने मेहमानों को पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने की बात भी की।
दूल्हे के बड़े भाई श्यामसुन्दर शर्मा ने मेहमानों अपील की कि पौधे को उपयुक्त स्थान पर लगाकर उनकी देखभाल जिम्मेदारी भी उठाएं। इस मौके पर पीपल, नीम, आम, जामुन , पारिजात, गुड़हल, सीताफल, लहसौड़ा, बिल्वपत्र, अशोक, शीशम, गुलमोहर आदि पौधे शादी समारोह में शिरकत करने वाले मेहमानों को उपहार में दिए गए।