4 दिन तक कर्माचरी को छोटे से अंधेरे कमरे में रखा गया बंद, बस एक थी वजह

आखिर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों के साथ किस तरह का बुरा बर्ताव कर सकती हॉ? और किन वजहों से? ये सवाल तब चर्चा में आए जब एक चीन की एक कंपनी के कर्मचारी को चार दिन तक एक छोटे से अंधेरे कमरे में बंद रखा गया. और इसकी वजह केवल इतनी सी थी कि कंपनी चाहती थी कि कर्मचारी इस्तीफा दे दे. मजेदार बात यह है कि मामले का खुलासा कर्माचारी की तरफ से नहीं बल्कि खुद कंपनी की तरफ से हो गया.

इस श्रम विवाद में गुआंगज़ौ डुओई नेटवर्क कंपनी लिमिटेड नाम की कंपनी ने अपने एक कर्मचारी को इस्तीफा देने के लिए चार दिनों तक एक “छोटे अंधेरे कमरे” में बंद रखा. मामला तब सामाने आया जब कंपनी ने मामले पर एक अदालत के फैसले को चुनौती दी. फर्म ने अपने आधिकारिक वीबो अकाउंट पर पूरे कोर्ट के दस्तावेज प्रकाशित किए, जो दक्षिण-पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत में एक जिला-स्तरीय अदालत द्वारा मई में दिए गए फैसले से खुले तौर पर असहमत थे.

अदालत ने फैसला किया कि सिचुआन में गुआंगज़ौ डुओई नेटवर्क की सहायक कंपनी को कर्मचारी लियू लिंझू को उनके कार्यों के लिए मुआवजे के रूप में 380,000 युआन यानी 43 लाख 60 हजार रुपयों का भुगतान करना चाहिए. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक कहानी तब सामने आई जब लियू ने पाया कि वह कंपनी के कंप्यूटर सिस्टम में लॉग इन नहीं कर सकते या अपने प्रवेश पास का उपयोग नहीं कर सकते.

यह उनके इस्तीफे पर लंबी बातचीत के बाद हुआ. फर्म ने लियू से कहा कि उन्हें “ट्रेनिंग” में भाग लेना जरूरी है और उसे एक अलग मंजिल के कमरे में ले जाया गया, जहां अंधेरा था और बिजली तक नहीं थी. चार दिनों में लियू को “काम” के बाद घर जाने सहित कमरे से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी, उसे कोई काम नहीं दिया गया और उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया.

इसके बाद जब लियू की पत्नी ने पुलिस को कंपनी द्वारा उसके पति के साथ किए गए व्यवहार की सूचना दी, तब उसे नौकरी से निकालने का आधिकारिक नोटिस जारी किया गया कंपनी ने जोर देकर कहा कि छंटनी इसलिए की गई क्योंकि लियू ने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन किया था. कई विशेषज्ञों और लोगों ने सोशल मीडिया पर कंपनी की खासी आलोचना करते हुए नाराजगी भी जाहिर की है.

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