CRPF जवान का अंतिम संस्कार, पांच साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
राजस्थान के झुंझुनू जिले में पिलानी कस्बे के समीप खेड़ला गांव में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल अनिल कुमार हीरणवाल को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। अनिल कुमार पंजाब के कपूरथला मॉडर्न जेल में सेवारत थे, जिन्होंने मंगलवार रात को ड्यूटी के दौरान जेल में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। बुधवार को उनकी पार्थिव देह का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया।
गुरुवार सुबह उनकी पार्थिव देह गांव पहुंची, जहां गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अनिल कुमार हीरणवाल की 13 साल की बेटी अगम और पांच साल के बेटे मयंक ने अपने पिता के पार्थिव देह को कांधा दिया। मुखाग्नि बेटे मयंक ने दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। अनिल के सुसाइड के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन चर्चा है कि पारिवारिक झगड़े के कारण अनिल द्वारा यह कदम उठाया गया है।
यही कारण रहा है कि अनिल कुमार की पत्नी ने अंतिम संस्कार में अपने ससुराल वालों के शामिल होने पर आपत्ति जताई थी। वहीं, बेटी ने भी अपने परिवार के ही कुछ लोगों पर पिता को मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया है। इससे पहले शव लेकर आए सीआरपीएफ के जवानों ने सलामी दी और सीआरपीएफ डिप्टी कमांडेंट वीआर डांगी, पिलानी सीआई नारायण सिंह ने शव पर पुष्पांजलि अर्पित की।
जानकारी में यह भी सामने आया है कि मंगलवार को आखिरी बार अनिल की मोबाइल पर अपनी पत्नी के साथ बात हुई थी। पत्नी अनीता ने बताया कि दिन में 11:30 बजे उनकी वीडियो कॉल पर पति से बात हुई थी, तब उन्होंने बताया था कि एक बजे ड्यूटी पर जाना है। देर शाम सीआरपीएफ से कॉल आया कि अनिल की मौत हो गई है।
अनीता ने कहा कि उसे अभी तक पति का मोबाइल और अन्य सामान नहीं मिला है। वे फिलहाल नहीं बता सकती कि जो भी हुआ वो क्यों हुआ और कैसे हुआ। उन्होंने अपने पति को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। उधर, अंतिम संस्कार के दौरान मृतक जवान की बेटी ने भी अपने परिवार के ही कुछ लोगों पर पिता को मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया है। हेड कांस्टेबल अनिल हीरणवाल सीआरपीएफ में 2003 में भर्ती हुए थे। वे सीआरपीएफ की 245 बटालियन में कार्यरत थे।