गोंडा: पानी में उतरे करंट से रेलकर्मी की जान गई
रेलवे लोको शेड में रविवार सुबह ड्यूटी के दौरान लोको की मरम्मत करते समय पानी में उतरे करंट की चपेट में आने से एक रेलकर्मी अचेत होकर गिर गया। एंबुलेंस न मिलने पर साथी कर्मचारियों ने बाइक से उसे रेलवे अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। सहकर्मी की मौत से गुस्साए कर्मचारियों ने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन कर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बलरामपुर के कौवापुर तुलसीपुर के रहने वाले अब्दुल अंसारी के बेटे नाजिम अंसारी (28) की गोंडा रेलवे लोको शेड में छह वर्ष पहले टेक्नीशियन के पद पर नियुक्ति हुई थी। तभी से वह शहर में सेमरा चौकी क्षेत्र के ग्राम खैर बगिया में साथी कर्मचारी अब्दुल रशीद के पड़ोस में किराये के मकान में रह रहे थे। नाजिम की रविवार सुबह 08:00 से 02:00 बजे तक ड्यूटी थी। ड्यूटी के दौरान सुपरवाइजर लखनलाल मीना ने नाजिम को साथी कर्मी दिनेश कुमार मांझी के साथ लोको शेड के पी-1 पोर्शन में लोको (इंजन संख्या- 23597) के नीचे लगे पाइप को काटने का काम सौंप दिया। पाइप काटने के लिए पिटलाइन पर खड़े लोको के नीचे भरे पानी में उतरते ही करंट की चपेट में आने से नाजिम अचेत होकर गिर गए। सहकर्मी दिनेश ने उन्हें उठाने के लिए पकड़ा तो जोर का झटका लगा। दिनेश के शोर मचाने पर अन्य कर्मचारी दौड़कर वहां पहुंचे। विद्युत सप्लाई काटी गई और नाजिम को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी गई। मगर एंबुलेंस उपलब्ध न हो सकी। इस पर साथी कर्मचारी नाजिम को बाइक से रेलवे अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके मिश्र ने इलाज शुरू किया। डाॅ. मिश्र ने बताया कि काफी प्रयास के बाद भी नाजिम को बचाया नहीं जा सका।
नाजिम की मौत की खबर मिलते ही दर्जनों रेलकर्मी रेलवे अस्पताल पहुंच गए। गुस्साए कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और पूरे मामले की जांच की मांग की। लोको शेड के प्रभारी वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर आशीष मद्धेशिया ने कहा कि पानी में उतरे करंट से हादसा हुआ है। पिटलाइन का पानी निकलवाया जा रहा है। प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
एनई रेलवे मजदूर यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष विनोद कुमार श्रीवास्तव एवं एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष विकास सिंह का कहना है कि लोको शेड में कर्मचारियों के लिए एक इमरजेंसी वाहन खड़ा रहता है। मगर हादसे के समय वाहन नहीं था। इमरजेंसी वाहन न होने से कर्मचारी की जान चली गई। किसके आदेश से वाहन हटाया गया। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।