माचिया सफारी में मृत मिला 82 दिन से घूम रहा लेपर्ड, 60 जानवरों के शिकार के बाद भी भूख से हुई मौत

जोधपुर की माचिया सफारी में मृत मिले लेपर्ड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत भूख के कारण हुई है लेकिन बीते 82 दिनों के दौरान 13 ब्लैक बग समेत जंगली सूअर, हिरण और अन्य जानवरों का शिकार करने के बाद भूख से मौत होने के बात अस्वाभाविक सी लगती है। ऐसे में अब विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही लेपर्ड की मौत के कारणों का पता चल पाएगा।

जानकारी के अनुसार जोधपुर में लेपर्ड पाए जाने के संबंध में कोई हिस्ट्री नहीं है ऐसे में पिछले 82 दिनों से लेपर्ड के यहां होने को लेकर कई प्रश्न हैं। 40 दिन पहले 26 मई को माचिया सफारी में देखे गए लेपर्ड के लिए वहां बकरी भी बांधी गई थी लेकिन उसने शिकार नहीं किया। वन विभाग के एक्सपर्ट बंशीलाल का कहना है कि लेपर्ड की कुल उम्र करीब 10 साल तक होती है और जोधपुर आया लेपर्ड 9 साल के आसपास का था। संभवत: वह टेरेटरी को लेकर हुए संघर्ष में घायल होकर आसपास के किसी इलाके से यहां आया था।

बताया जा रहा है के 15 मार्च को पहली बार सूरसागर रिहायशी इलाके में इसे देखा गया था। इसके बाद 40 दिन पहले 26 मई को यह माचिया सफारी में नजर आया था। इस दौरान वह जोधपुर में ही अलग-अलग जगहों पर घूमता रहा था। माना जा रहा है कि रिहायशी इलाके होने के कारण वह इंसानों के डर से छिपा रहा होगा। एक्सपर्ट बंशीलाल का कहना है कि सामान्यत: एक लेपर्ड को 12 किलो की खुराक मिलनी चाहिए, साथ ही इसे पचाने के लिए घूमने की जगह भी मिलनी चाहिए लेकिन आबादी के बीच उसे ऐसी कोई जगह नहीं मिली होगी। ऐसे में वह कम भोजन कर पा रहा होगा। बहरहाल लेपर्ड का पोस्टमार्टम करके उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

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