आसियान देशों को भाए ओपीएफ के पैराशूट…21 करोड़ का निर्यात
देश की सेनाओं के लिए उत्पाद बनाने वाली ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) ने निर्यात के मोर्चे पर लंबी छलांग लगाई है। आसियान देशों को यहां के बने लड़ाकू विमानों के ब्रेक और मैन कैरीईंग पैराशूट पसंद आ रहे हैं। इन देशों को पहली बार करीब 21 करोड़ के पैराशूट निर्यात किए गए हैं। पिछले साल की तुलना में यह 20 गुना से ज्यादा है।
पहली बार भारतीय वायुसेना को 60 करोड़ से ज्यादा के उत्पाद दिए गए हैं। ओपीएफ में लड़ाकू विमान सुखोई, हॉक, मिग-29 के ब्रेक पैराशूट के अलावा पायलट और मैन कैरीईंग पैराशूट के साथ ही रबर उत्पाद फ्लोट आदि का उत्पादन किया जाता है। निर्माणी के उत्पादों की सबसे बड़ी खरीदार देश की सेनाएं ही रही हैं।
हालांकि अब निगमीकरण के बाद से निर्माणी के बने उत्पाद निर्यात भी होने लगे हैं। 2022-23 में केवल 1.5 करोड़ का निर्यात किया गया था। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21 करोड़ के करीब उत्पादों का निर्यात किया गया। मलयेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया के अलावा तुर्केमेनिस्तान, केन्या, नाइजर, पोलैंड को दोनों तरह के पैराशूट भेजे गए हैं।
ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की इकाई ओपीएफ ने निर्यात में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। पहली बार 21 करोड़ का निर्यात आसियान देशों के साथ ही अन्य देशों को किया गया है। 60 करोड़ से ज्यादा के उत्पाद भारतीय वायुसेना को दिए गए। -एमसी बालासुब्रमणियम, महाप्रबंधक, आयुध पैराशूट निर्माणी
ओईएफ के स्नो बूट नेपाल को आए पसंद
आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) ने भी पहली बार निर्यात मामले में अच्छी सफलता हासिल की है। यहां पर बने स्नो बूट नेपाल को पसंद आए हैं। पांच हजार बूट का पहली बार निर्यात किया गया है। वहीं निर्माणी अब मेडिकल फैब्रिक्स से जुड़े उत्पाद बनाने की तैयारी में है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा माइनस 50 डिग्री तापमान पर पहने जाने वाले बूट बनाए जाएंगे। इसका प्रोटोटाइप बनाकर सेना को ट्रायल के लिए दिया गया है अलग-अलग प्रकार के टेंट पहले से ही बनाए जा रहे हैं
ट्रूप कंफर्ट लिमिटेड की इकाई ओईएफ में नेपाल से आर्डर मिलने के बाद बंद पड़े बूट प्लांट को शुरू कर दिया गया है। अलग-अलग प्रकार के टेंट पहले से ही बनाए जा रहे हैं। ओईएफ केंद्रीय उत्पादकता समिति सदस्य योगेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि टेंट और बूट निर्माणी की रीढ़ हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के हस्तक्षेप के बाद भरपूर टारगेट मिला है। सरकार के गठन के पश्चात बीपीएमएस का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को रक्षामंत्री से मिला था, उन्होंने आश्वासन दिया है कि काम की कमी नहीं होने दी जाएगी।
निर्माणी में आने वाले समय में पहली बार मेडिकल फैब्रिक्स से जुड़े एंटी बैक्टीरियल-वायरस उत्पाद जैसे बेडशीट आदि तैयार किए जाएंगे। बूट मल्टी परपज का प्रोटोटाइप बना लिया गया है। 2023-24 में 150 करोड़ का उत्पादन किया गया। 2024-25 के 600-650 करोड़ का उत्पादन लक्ष्य है। नेपाल को 2.5 करोड़ के स्नो बूट निर्यात किए गए हैं। -डॉ. अनिल रंगा, महाप्रबंधक, आयुध उपस्कर निर्माणी